राज्यसभा में लिखित जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि पिछले साल 342 आतंकी घटनाएं हुई, जिसमें 213 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने अलग अलग ऑपरेशन में ढेर किया. वहीं इस दौरान 80 सुरक्षा बलों के जवान सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हो गए. 2017 में ही 40 नागरिकों ने भी आतंकी हमलों में अपनी जान गवाईं.
गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़े के मुताबिक पिछले 3 सालों में सबसे ज्यादा 2017 में ही आतंकी घटनाएं हुई, जिसमें 342 बार आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया. वहीं 2016 में 322 बार आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया है, 2015 में सिर्फ 208 बार आतंकवादियों ने अलग-अलग जगहों पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाया. इस दौरान सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में अकेले 2017 में ही 213 आतंकवादियों को ढेर किया. जबकि 2016 में सिर्फ 150 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। पिछले सालों की अपेक्षा 2017 में सबसे ज्यादा आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराए हैं.
पिछले साल कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ऑल आउट कश्मीर के सभी जिलों में चला रखा था, जो इस साल भी जारी है. ऑपरेशन ऑल आउट की सफलता यह थी कि कश्मीर घाटी में आतंकवादी ना तो सीमा पार से घुसपैठ कर पा रहे थे. वहीं जो आतंकी घुसपैठ कर कश्मीर घाटी में पहुंच रहे थे, उनको वहीं पर ढेर किया जा रहा था. यही वजह है कि साल 2017 में पिछले 3 सालों में सबसे ज्यादा 213 आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ऑल आउट के तहत ढेर किया. हालां कि इसके बावजूद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए सीमा पार से आतंकवादियों को लॉन्चिंग पैड पर लेकर पहुंच रही है. इन आतंकवादियों को आधुनिक हथियारों के साथ-साथ GPS सिस्टम से भी ट्रेंड कर पाकिस्तान बॉर्डर पर लेकर आ रहा है.
आजतक को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक इस वक्त सीमापार पाकिस्तान के लॉन्चिंग पैड पर 386 आतंकवादी मौजूद हैं, जिनको की अलग-अलग लॉन्चिंग पैड पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक आर्मी ने बैठा रखा है. सूत्र बताते हैं कि इन आतंकवादियों को पाक आर्मी की स्पेशल ऑपरेशन टीम ने ट्रेंड किया है, जोकि भारत के खिलाफ बड़ी वारदात को अंजाम देने में सक्षम है. इस वजह से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस वक्त सरहद पर इतना अलर्ट है कि यह आतंकी किसी भी तरीके से इस इलाके में घुस नहीं सकते यानी कि इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल दोनों जगहों पर सुरक्षा बलों की चौकसी ऐसी है कि कोई परिंदा पर भी नहीं मार सकता.