दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से मिली इजाजत के बाद मंगलवार को आतंकी नवेद का पॉलीग्राफी टेस्ट हुआ. नवेद ने झूठ पकड़ने वाली मशीन के सामने माना कि वह पाकिस्तानी है. उसने लश्कर कैंप में 50 नौजवानों के साथ ट्रेनिंग ली है. बीएसएफ की टीम पर नशे की हालत में उसने हमला किया था.
सूत्रों के मुताबिक, अपने दूसरे पॉलीग्राफिक टेस्ट में भी आतंकवादी नवेद ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है. उसका दूसरा पॉलीग्राफिक टेस्ट मंगलवार को करीब 8.50 बजे शाम को खत्म हुआ. इसमें पहले पूछे गए सवालों को दोहराया गया था.
नवेद ने बताया कि उसने जून के पहले सप्ताह में भारतीय सीमा पर बाड़ को काटकर घुसपैठ की थी. उसके बाद वह जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर करीब 40 दिनों तक रहा. उसने जिस दिन बीएसएफ टीम पर हमला किया था, उस दिन उसने ड्रग्स लिया था.
जांच एजेंसी NIA को नवेद ने बताया कि जिहाद के नाम पर उसे एक लोकल मौलवी मोहम्मद बशीर ने इस काम के लिए भर्ती किया था. उसे इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद पाकिस्तान में एक घर और पैसे देने का लालच दिया गया था.
मंगलवार को आतंकी नवेद को कड़ी सुरक्षा में सीएफएसएल लाया गया. पॉलीग्राफ टेस्ट करने से पहले उसे कुछ समय के लिए एकांत में रखा गया था. टेस्ट के दौरान खूफिया ब्यूरो सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद थे, जिसके विस्तृत विश्लेषण की प्रतीक्षा है.
बताते चलें कि उधमपुर में पांच अगस्त को सीमा सुरक्षाबल की बस पर हुए हमले के बाद नवेद को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था. इस हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए थे. आतंकी नवेद का साथी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था.