पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अब लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के बाद जम्मू के अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर भी ‘आपरेशन बैट’ (Operation Border Action Team) करना शुरू कर दिया है. इस ऑपरेशन द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में बड़ी मात्रा में सीमापार से आंतकवादियों की घुसपैठ करवाई जाएगी. ऐसे ऑपरेशनों में अब हथियारबंद आतंकवादियों को स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो दस्ते के जवानों के अलावा पाकिस्तानी सेना की भी पूरी मदद मिलेगी.
आईएसआई ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की सॉफ्ट बॉर्डर चौकियों को टारगेट बनाने की एक योजना बनाई है. ‘आपरेशन बैट’ की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तोएबा और पाकिस्तान के कमांडो दस्ते एसएसजी को सौंपी गई है. शकरगड स्थित लश्कर के कमांडर अबू गाजी को जम्मू बॉर्डर की कमांड सौंपी गई है. पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादियों को भी बैट में शामिल करने की सोच रहा है. भारतीय सेना का मानना है कि पिछले दो महीनो में पल्लनवला सेक्टर में जो भारतीयी चौकियों पर हमले हुए हैं, उनमें आतंकवादी शामिल थे. सेना का कहना है कि पाकिस्तानी सेना चाहे तो आतंकवादियों को ऐसा करने से रोक सकती है.
आखिर ‘ऑपरेशन बैट’ है क्या?
इस ऑपरेशन के तहत आतंकवादी संगठन लश्कर और पाकिस्तान के कमांडो दस्ते एसएसजी को सीमा पर बनी भारतीय चौकियों पर गुरिल्ला हमले करने को कहा है. हमले में ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के अलावा आतंकवादियों की भारत में घुसपैठ कराना भी इस ऑपरेशन का हिस्सा है. आतंकवादियों को सीमा रेखा पर आईईडी ब्लास्ट करने व स्नाइपर राइफर से हमले करने की हिदायतें दी गई हैं.
16 जुलाई को जम्मू के आरनिया सेक्अर में बीएसएफ के पित्तल पोस्ट पर हुआ आतंकी हमला भी ऑपरेशन बैट के तहत ही हुआ था. इस हमले में 1 बीएसएफ जवान शहीद हो गया था, जबकि 4 अन्य घायल हो गए थे, लेकिन एजेंसी ने इस पर चुप्पी साध रखी है. भारतीय सेना का कहना है कि पाकिस्तानी सेना की मर्जी के बिना आतंकी सीमा के पास आ ही नहीं सकते.
खुफिया एजेंसियों के अनुसार इस तरह के हमले करके पाकिस्तान की मंशा बर्फ पड़ने से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को भारतीय सीमा में भेजने की है. अकेले जम्मू क्षेत्र में ही पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकवादी भेजने के करीब 50 रूट हैं, जिनमें से कई तो पुराने ही रास्ते हैं, जबकि कई नए रास्तों से भी आतंकवादी भेजे जा रहे हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि जम्मू के पुंछ, राजौरी, साम्बा और कठुआ सेक्टरों से करीब 300 आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों और लॉन्चिंग पैड्स पर इस तरफ आने की फिराक में हैं. इसके अलावा कई आतंकवादी बिना हथियारों के सीमा रेखा के पास घूमते हुए पाए गए हैं. जम्मू में सेना का मानना है कि सीमा रेखा के उस पार आतंकवादियों का जमावड़ा बढ़ रहा है. उनका मानना है कि अक्टूबर-नवंबर से पहले ज्यादा से ज्यादा आतंकवादियों को इस पार भेजा जा सकता है, जिससे राज्य में होने वाले चुनावों में खून-खराबा करवाया जा सके.
खुफिया एजेंसियों की खबरों के बाद जम्मू के साथ लगने वाली 200 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है.