राममंदिर मुद्दे पर उदारता दिखाने की मुसलमानों से अपील करने के कारण भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी से खफा शिवसेना प्रमुख ने उन्हें आड़े हाथों लिया और इसे राममंदिर आंदोलन के दौरान ‘बलिदान’ देने वाले कारसेवकों का अपमान करार दिया.
भाजपा और उसके सहयोगी शिवसेना के बीच पैदा हुई दरार को उजागर करते हुए ठाकरे ने कहा कि चीजें अब इस स्तर पर आ गयी हैं कि हिन्दुओं को अयोध्या में राममंदिर के निर्माण के लिए ‘मुस्लिमों से याचना’ करनी पड़ रही है.
शिवसेना प्रमुख ने पार्टी मुखपत्र सामना में संपादकीय में कहा, ' राममंदिर निर्माण में मदद के लिए मुस्लिमों से अपील करना, उन सैकड़ों कार सेवकों का अपमान है जो राममंदिर आंदोलन में शहीद हो गये.’ उधर, भाजपा ने कई मुद्दों शिवसेना के साथ ‘स्पष्ट मतभेद’ होने की बात स्वीकार करते हुए अपने नये पार्टी प्रमुख का समर्थन किया. भाजपा ने कहा कि गडकरी ने एक ‘नये प्रतिमान ’ की शुरूआत की है जो ‘ मित्रता का उद्घोष ’ हो सकता है.
पार्टी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि गडकरी के बयान से कारसेवकों का अपमान हुआ है.भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में कहा, ‘ यह एक नया प्रतिमान है, नया रूख है, जिसकी गडकरी ने पहल की है. हम महसूस करते हैं कि यदि मुस्लिम सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं तो यह नयी मित्रता का उद्घोष हो सकता है.