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संयुक्त बयान पर सभी आलोचनाओं का जवाब है: मनमोहन

भारत-पाक संयुक्त बयान पर आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बारे में उठाए गए सभी सवालों के सरकार के पास उचित जवाब हैं और इन्हें संसद में 29 जुलाई को रखा जाएगा.

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भारत पाक संयुक्त बयान पर आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि इस बारे में उठाए गए सभी सवालों के सरकार के पास उचित जवाब हैं और इन्हें संसद में 29 जुलाई को रखा जाएगा.

मिस्र में जारी इस संयुक्त बयान को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच मतभेद की बातों का भी उन्होंने खंडन करते हुए इसे मीडिया की उपज बताया. संयुक्त बयान में बलूचिस्तान का जिक्र किए जाने और आतंकवाद को समग्र वार्ता से अलग करने के संबंध में पूछे गए सवालों पर सिंह ने संवाददाताओं से कहा, संसद में मैं बयान दे चुका हूं और संसद में इस मुद्दे पर पुन: चर्चा होने जा रही है. मैं स्थिति को स्पष्ट करूंगा. इस बारे में पूछे गए अन्य प्रश्‍नों का उन्होंने यह कह कर उत्तर देने से इनकार कर दिया कि इस बारे में संसद में चर्चा होनी है. ऐसे में इस मुद्दे पर विशेष सवाल का जवाब देना अनुचित होगा.

उन्होंने हालांकि, आत्मविश्वास जताते हुए कहा, हमारे पास सभी सवालों के वाजिब जवाब हैं. मिस्र में 16 जुलाई को सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी के बीच मुलाकात के बाद भारत पाक संयुक्त बयान जारी किया गया था. इसमें बलूचिस्तान का उल्लेख करने और भारत पाक समग्र वार्ता को आतंकवाद से अलग किए जाने की भारत के लगभग सभी राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है.
 इस पर संसद में चर्चा कराए जाने की विपक्ष की मांग को सरकार ने स्वीकार कर लिया है और अब 29 जुलाई को संसद में इस पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्र हस्तक्षेप करके आलोचनाओं का जवाब देंगे.

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