गुरूवार को याकूब के परिवार ने मुंबई पुलिस से आखिरी बार मेमन का चेहरा दिखाने और नमाज-ए-जनाजा करने की गुजारिश की जिनमें से पुलिस ने नमाज-ए-जनाजा अदा करने की अर्जी को तो मान लिया पर आखरी बार दिखाने से साफ मना कर दिया.
याकूब के जनाजे पर हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात
याकूब मेमन के जनाजे पर करीब एक हजार की संख्या में पुलिस बल और 125 की संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स और दंगा नियंत्रण पुलिस मौजूद थी दोपहर 1:50 पर पुलिस कमिश्नर राकेश मारीया, ट्रैफिक ज्वाइंट कमिश्नर और मध्य क्षेत्र के एडिशनल कमिश्नर रावसाहेब शिंदे की निगरानी में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रही.
हजारों लोगों ने अदा की याकूब के लिए नमाज-ए-जनाजा
दोपहर में करीब 3:10 पर स्वतंत्र वीर मार्ग पर महीम दरगाह सिगनल के पास हजारों की संख्या में आदमी नमाज-ए-जनाजा के लिए इकट्ठा हुए दोपहर 3:20 पर अल हुसैन बिल्डिंग स्थित याकूब के भाई सुलेमान के घर पर नमाज शुरु हुई और 3:26 पर पुलिस लोगों के हुजूम के साथ मेमन की लाश को दफनाने के लिए एंबुलेंस में साउथ मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान ले गयी.
याकूब के ससुर ने मेमन को आखिरी बार देखने की थी गुजारिश
मेमन के ससुर इकबाल मेमन ने पुलिस कमिश्नर राकेश मारीया से आखिरी बार याकूब का चेहरा देखने की गुजारिश की थी जिसके लिए कमिश्नर मारीया ने इसे कानून के खिलाफ बताते हुए मना कर दिया मेमन के ससुर इकबाल का कहना था कि पिछले सात साल से परिवार ने याकूब को नहीं देखा तो परिवार को आखरी बार उसका चेहरा देखने दिया जाये जिसे कमिश्नर मारिया खारिज कर दिया.