हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र यदि पांच पूर्वशर्तों को पूरा करे तो मौजूदा विरोध प्रदर्शन की समीक्षा की जा सकती है और केंद्र के साथ संवाद शुरू किया जा सकता है.
हैदरपुर में अपने निवास पर संवाददाता सम्मेलन में 81 वर्षीय पृथकतावादी नेता ने कहा कि वह ‘जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व के साथ संवाद के लिए भारतीय नेतृत्व द्वारा जाहिर इच्छा का जवाब दे रहे हैं.’
गिलानी अपने इस रुख पर कायम रहे कि भारत को जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को एक अंतरराष्ट्रीय विवाद स्वीकार करना चाहिए, लेकिन संयुक्त राष्ट्र समाधान के कार्यान्वयन और बातचीत में पाकिस्तान की भूमिका की अपनी आम मांग उन्होंने नहीं दोहराई.