भारत के प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन ने आज कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पी डी दिनाकरन से जुड़े विवाद से अपने आप को अलग करते हुए कहा कि उन्हें इससे कुछ भी लेना देना नहीं है.
यहां आयोजित एक सम्मेलन से इतर संवाददाताओं की ओर से इस विषय पर पूछे जाने पर न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा कि मुझे इससे कुछ भी लेना देना नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि महाभियोग के कदम के बाद क्या उन्होंने न्यायमूर्ति दिनाकरन को कोई कार्य सौंपा है तब उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
बहरहाल, न्यायमूर्ति दिनाकरन पर महाभियोग लगाने के पक्ष में राज्यसभा के 50 से अधिक सदस्यों ने याचिका पर हस्ताक्षर किये हैं और इसे अगले सप्ताह के शुरू में सदन के सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी के समक्ष पेश की जा सकती है. सूत्रों ने कहा कि इस विषय पर एक हस्ताक्षर अभियान चल रहा है और समझा जाता है कि भाजपा, वाममोर्चा और समाजवादी पार्टी आदि के 50 से अधिक राज्यसभा सदस्यों ने याचिका पर हस्ताक्षर कर दिये है.