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अदालत ने दिल्ली पुलिस की खिंचाई की

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर पेशेवर रुख अपनाने के लिए दिल्ली पुलिस की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने को कुछ पुलिस अधिकारियों ने लाभकारी व्यापार बना लिया है.

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर पेशेवर रुख अपनाने के लिए दिल्ली पुलिस की जमकर खिंचाई करते हुए कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने को कुछ पुलिस अधिकारियों ने लाभकारी व्यापार बना लिया है.

उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी तब की जब वह एक एनआरआई और उसके परिवार के सदस्यों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. उस एनआरआई के खिलाफ उसकी पत्नी ने अमेरिका से भारत लौटने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

अदालत ने कहा, ‘क्यों इस तरह की प्राथमिकी दर्ज की जाती है यह स्पष्ट है. ऐसा लगता है कि प्राथमिकी दर्ज करना कुछ पुलिस अधिकारियों के लिए लाभकारी व्यापार बन गया है. इस मामले में पुलिस ने न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज की बल्कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लुकआउट सकरुलर भी हासिल किया.’ 

न्यायमूर्ति एस एन धींगरा ने अगस्त 2008 में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हुए कहा, ‘पुलिस से अपनी कार्य संस्कृति में पेशेवर होने की उम्मीद की जाती है. पुलिस के स्तर में इस हद तक गिरावट आ गई है कि अगर सही मामला होता है तो मामला दर्ज कराना काफी कठिन होता है और अगर दर्ज कर भी लिया जाता है तो वह उसपर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करती है लेकिन आपके सही संपर्क हैं तो आप गलत प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं.’

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