पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने भोपाल गैस त्रासदी में अदालती फैसले को ‘व्यथित करने वाला’ बताया है. वह व्यक्तिगत तौर पर महसूस करते हैं कि इस मामले में न्यायपालिका और कानून का हालिया नतीजा हजारों लोगों की भोगी पीड़ा के अनुपात में नहीं है.
कलाम ने इंदौर प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान सवाल के जवाब में कहा, ‘मैंने इस फैसले के बारे में पढ़ा है. मुझे निजी तौर पर लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के कोई 26 साल बाद जो फैसला हमने देखा, वह वाकई व्यथित करने वाला है.’
पूर्व राष्ट्रपति ने इसी संदर्भ में जोर देकर कहा कि न्यायपालिका और कानून को सभी नागरिकों को एक ही निगाह से देखना चाहिये, चाहे वे गरीब हों या अमीर. ‘उन्हें लोगों में किसी तरह का भेद नहीं करना चाहिये.’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कभी महसूस हुआ कि इस मामले में कानून, हालात के मुकाबले कमजोर पड़ गया, ‘मैं किसी अदालती फैसले पर सवाल कैसे उठा सकता हूं. लेकिन भोपाल गैस त्रासदी को लेकर निश्चित तौर पर मेरा निजी अहसास यही है कि इससे हजारों लोगों को भारी पीड़ा भोगनी पड़ी और न्यायपालिका व कानून का नतीजा इस पीड़ा के अनुपात में अब तक नहीं है.’