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अलनीनो की देरी से मानसून की बारिश में अगस्त के दौरान कमी

प्रशांत महासागर में अल नीनो की स्थिति बनने में देरी की वजह से अगस्त के महीने में मानसून की बारिश पर असर पड़ा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के उलट अगस्त के महीने में सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

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58 फीसदी बारिश कम हुई
58 फीसदी बारिश कम हुई

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प्रशांत महासागर में अल नीनो की स्थिति बनने में देरी की वजह से अगस्त के महीने में मानसून की बारिश पर असर पड़ा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमानों के उलट अगस्त के महीने में सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. अगस्त के महीने में बारिश की सबसे ज्यादा कमी दक्षिण भारत में दर्ज की गई. यहां पर सामान्य के मुकाबले 58 फीसदी बारिश कम हुई है.

दक्षिण भारत में अगस्त के महीने में अब तक हुई बारिश पर नजर डालें तो रायसीमा में सामान्य के मुकाबले 91 फीसदी बारिश कम हुई है. तटीय आंध्र प्रदेश में सामान्य के मुकाबले 73 फीसदी बारिश कम रिकॉर्ड हुई है. लक्षद्वीप में अगस्त के दौरान बारिश में 71 फीसदी कमी तो वहीं अंडमान निकोबार में इस दौरान बारिश में 62 फीसदी की भारी कमी रिकॉर्ड की गई है. तेलांगाना की बात करें तो यहां पर अगस्त के महीने में अब तक 64 फीसदी बारिश कम रही है. झमाझम बारिश के लिए मशहूर केरल में अगस्त के महीने में 49 फीसदी बारिश कम हुई है. कर्नाटक में इस दौरान 48 फीसदी बारिश कम हुई है. तमिलनाडु और पांडिचेरी में अगस्त के महीने में अबतक 70 फीसदी बारिश कम हुई है.

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इसके बाद पूर्वोत्तर और पूर्व भारत में अगस्त के महीने में अबतक 27 फीसदी बारिश हुई है. मानूसन की बारिश के मामले में आमतौर पर देश भर में अव्वल रहने वाले इस इलाके को भी बारिश की कमी से दो चार होना पड़ रहा है. यहां पर असम और मेघालय में अगस्त के महीने में अबतक हुई बारिश सामान्य के मुकाबले 66 फीसदी कम रही है. अरुणाचल प्रदेश में अगस्त के महीने में अबतक सामान्य के मुकाबले 64 फीसदी बारिश कम रही है. बिहार में अगस्त के दौरान अबतक बारिश सामान्य के मुकाबले 42 फीसदी कम है. यानी बिहार में आई बाढ़ बिहार में हुई बारिश के चलते नहीं है.

जानकारों का कहना है कि पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई झमाझम बारिश के चलते बिहार के कई इलाकों को बाढ़ का सामना करना पड़ा. झारखंड की बात करें तो यहां अगस्त में अब तक 47 फीसदी बारिश ज्यादा रही है. तो वहीं पश्चिम बंगाल के गांगेड़ क्षेत्रों में अगस्त में हुई बारिश सामान्य के मुकाबले 62 फीसदी ज्यादा रही है.

मध्य भारत की बात करें तो यहां पर अगस्त के महीने के दौरान अब तक हुई बारिश सामान्य के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा रही है. पश्चिम मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में अगस्त में हुई बारिश सामान्य के मुकाबले 49 फीसदी ज्यादा रही है. पूर्वी मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां अगस्त में अबतक 31 फीसदी बारिश ज्यादा रही है. सौराष्ट्र और कच्छ में अगस्त के महीने में अबतक 60 फीसदी बारिश ज्यादा हुई है. तो वहीं गुजरात के इलाके में इस दौरान बारिश 12 फीसदी ज्यादा रही है. मध्य महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर अगस्त के महीने में अबतक 39 फीसदी बारिश ज्यादा रही है.

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कोंकण और गोवा की बात करें तो यहां पर बारिश सामान्य के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा रही है. विदर्भ में इस दौरान बारिश सामान्य के मुकाबले 54 फीसदी कम रही है तो वहीं मराठवाड़ा में इस दौरान बारिश सामान्य के मुकाबले 67 फीसदी कम रही है. छत्तीसगढ़ में इस दौरान बारिश में कमी 6 फीसदी और उड़ीसा में अगस्त में बारिश 5 फीसदी कम हुई है.

उत्तर-पश्चिम भारत की बात करें तो यहां पर अगस्त के महीने में अबतक हुई बारिश सामान्य के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा रही है. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि यहां पर राजस्थान को छोड़कर किसी भई इलाके में ज्यादा बारिश नहीं हुई है. पश्चिम राजस्थान में अगस्त के महीने में 86 फीसदी बारिश ज्यादा रही है तो वहीं पूर्वी राजस्थान में बारिश इस दौरान 83 फीसदी ज्यादा रही है. हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अगस्त के महीने में बारिश 45 फीसदी कम हुई है. तो पंजाब में बारिश सामान्य के मुकाबले 39 फीसदी कम दर्ज की गई है. पूर्वी यूपी में अगस्त के दौरान 16 फीसदी बारिश कम हुई है तो वहीं पश्चिमी यूपी में बारिश 33 फीसदी कम रही है.

उत्तराखंड की बात करें तो यहां पर अगस्त के महीने में बारिश 20 फीसदी कम रही है. जम्मू-कश्मीर में अगस्त के महीने में 11 फीसदी बारिश कम हुई है. हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां पर जितनी बारिश होनी चाहिए उतनी बारिश हुई है.

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