केरल के आयुर्वेदिक स्पा और स्वास्थ्य केन्द्र लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित करते हैं लेकिन पर्याप्त प्रशिक्षित व्यक्तियों की कमी इस उद्योग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. उद्योग के सूत्रों का कहना है कि इन स्पा और स्वास्थ्य केन्द्रों में सौन्दर्य, स्वास्थ्य उपचार, वजन कम करना, तनाव प्रबंधन और विशेष उपचार किए जाते हैं.
हालांकि, आयुर्वेदिक उद्योग को प्रशिक्षित और योग्य व्यक्तियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. सीआईआई के सूत्रों ने बताया कि अकेले भारत में 20,000 हजार प्रशिक्षित चिक्त्सिक की जरूरत है जबकि अमेरिका, जर्मनी, रूस, सिंगापुर, मलेशिया और पश्चिम एशियाई देशों में कई लाख प्रशिक्षित चिकित्सकों की जरूरत है.
धात्री आयुर्वेदिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एस साजीकुमार ने बताया ‘अगले कुछ वर्षों में 20,000 योग्य प्रशिक्षित चिकित्सकों की जरूरत प्रति वर्ष होगी. समस्या प्रशिक्षितों की कमी है. मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है.
उन्होंने बताया कि धात्री की तत्काल अपने विस्तार के लिए 2000 व्यक्तियों की भर्ती की योजना है. कंपनी शीघ्र ही भारत के कई हिस्सों में और मध्य पूर्व में आयुर्वेदिक केन्द्र बनाना चाहती है जिसके लिए 160 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की जरूरत है.
स्पा और स्वास्थ्य केंद्र पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षिक करते हैं. सीआईआई सूत्रों के मुताबिक विश्व स्तर पर स्वास्थ्य उद्योग का 250 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार है. विश्व भर में 75,000 हजार स्पा केन्द्र है जिसमें 1.5 करोड़ लोग काम कर रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि भारत में 2300 स्पा केन्द्र है जहां चार लाख लोग काम कर रहे हैं. बढ़ती मांग को देखते हुए अगले चार सालों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के 700 नए स्पा केन्द्र खोले जाएंगे. होटलों में स्पा की बढ़ोतरी से होटल के राजस्व में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
साजी कुमार ने बताया कि वर्तमान में भारत में अभी 20-25 महत्वपूर्ण स्पा केन्द्र हैं जिसमें से अधिकांश दक्षिणी राज्यों केरल, कर्नाटक, और तमिलनाडु में स्थित है. इसके अलावा 3400 आयुर्वेदिक अस्पताल और 12 योग अस्पताल भी है.