बसपा सुप्रीमो मायावती ने हजार और पांच सौ के नोटों पर पाबंदी के फैसले को अध कच्चा और अपरिपक्व करार देते बीजेपी का राजनीतिक स्वार्थ से परिपूर्ण बताया. उन्होंने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र के इस फैसले से आर्थिक इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हुए हैं और अफरा-तफरी मची हुई है.
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर जमकर आरोप लगाए. मायावती ने कहा कि बीजेपी ने राजनीतिक फायदे के लिए नोटबंदी का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि बिना तैयारी के नोटों पर पाबंदी लगाई गई, जिससे देश में आर्थिक तंगी के हालात पैदा हो गए हैं.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बार-बार भावुक होना और आंसू बहाना जनता को परेशान करने जैसा है. पीएम ने भले ही देश के लिए अपना घर-परिवार छोड़ा है, पर इसका मतलब ये नहीं कि वे देश के लोगों को परेशान करें.
मायावती ने कहा कि बीएसपी नोटबंदी का विरोध किसी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं, बल्कि देश की भलाई के लिए कर रही है. नोटबंदी से आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जिस फैसले से 80 फीसदी जनता परेशान है, उस फैसले को देश हित में कैसे माना जा सकता है.
बसपा प्रमुख ने कहा कि पीएम मोदी नोटबंदी पर संसद में जवाब देने से कतरा रहे हैं. यूपी चुनाव पर मायावती ने कहा कि बीजेपी को उत्तर प्रदेश में सिर्फ बीएसपी से खतरा है. उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जो वादे किए थे, उसका एक चौथाई वादा भी पूरा नहीं किया. वहीं मायावती ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बीएसपी को समाजवादी पार्टी के बबुआ से कोई खतरा नहीं है.
मायावती ने कहा कि 500 और 1000 हजार के नोटों को अवैध करने के ऐलान से पहले बीजेपी नेताओं को अपना कालाधन ठिकाने लगाने का पूरा वक्त दिया गया, इसीलिए कोई भी बीजेपी नेता परेशान नहीं है.
No sign of tension on faces of BJP leaders;they were givn enough time to adjust black money before PM's demonetisation announcement-Mayawati pic.twitter.com/uDdHUEcgED
— ANI UP (@ANINewsUP) November 26, 2016