जीएसएलवी डी-3 राकेट की प्रक्षेपण विफलता के कारणों का पता लगाने और आंकड़ों के विश्लेषण के लिए भारत के शीर्ष अंतरिक्ष वैज्ञानिक कल तिरूवनंतपुरम में मिल रहे हैं. उल्लेखनीय है कि जीएसएलवी डी 3 का प्रक्षेपण गुरुवार को विफल हो गया था.
पहली बार स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग कर इसे गुरुवार को छोड़ा गया था. प्रारंभिक संकेतों के अनुसार लगता है कि क्रायोजेनिक इंजन की दहन प्रणाली में कुछ समस्या आ गयी थी जिसके कारण श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के आठ मिनटों बाद राकेट कांपने लगा था, उसकी उंचाई कम हो गयी और अंतत: यह समुद्र में जा गिरा था.
इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक मुख्यतौर पर प्रणोदन के क्षेत्र में कार्यरत शनिवार दोपहरबाद तिरूवनंतपुरम में मुलाकात करेंगे. वे उड़ान के आंकड़ों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे. बैठक की अध्यक्षता विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस रामकृष्णन करेंगे.