यह झुग्गी में रहने वाली एक ऐसी लड़की की कहानी है जो रो नहीं पाती. जब वह पैदा हुई तो दूसरे बच्चों की तरह वह जोर-जोर से नहीं रोई. यहां तक कि उसकी आंखों से एक बूंद आंसू नहीं निकला, वो बिलकुल मौन और भावशून्य थी.
उसके घर को उसकी जरूरत थी, इसलिए उसने कूड़ा-करकट इकट्ठा कर उसे बेचना शुरू कर दिया. खेलने और स्कूल जाने की उम्र में उसके हाथ घर के लिए दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त कर रहे थे, लेकिन फिर भी वह नहीं रोई. जब उसे पहली बार अपनी मां के पेशे के बारे में पता चला तब भी वह चुप थी. उसने एक आदमी को मां के कमरे से बाहर निकलते देखा, तब उसे मालूम पड़ा कि उसकी मां एक वेश्या है, लेकिन अब भी उसकी आंखों से आंसू गायब थे.
एक दिन उसका छोटा भाई एक सड़क हादसे में मारा गया. चारों ओर से लोगों की भीड़ खून से लथपथ उसके भाई की लाश को घेरे हुई थी, लेकिन आंसू तो उसकी आंखों का रास्ता ही भूल चुके थे.
वो अभी छोटी सी बच्ची ही थी कि एक दिन उसकी शादी अधेड़ उम्र के एक ऐसे शख्स से करा दी गई जो उम्र में उसके अपने पिता से भी बड़ा है. इसके बावजूद भी वह शांत थी. न वो रोई और न ही गिड़गिड़ाई. अब उस नन्ही की जान के हाथ में एक और नन्ही जान आ गई थी, यानी कि वह मां बन चुकी है. लेकिन अब भी उसकी आंखों में कोई हलचल नहीं, पानी का एक कतरा भी नहीं.
आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि वो लड़की रोना तो चाहती है, लेकिन रो नहीं पाती. इस 1 मिनट 20 सेकेंड की फिल्म को देखकर आपको पता लग जाएगा कि इतनी मुश्किल जिंदगी के बावजूद भी वह क्यूं नहीं रो पाती:
साभार: द गिफ्ट ऑफ वॉटर