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सरकार ने फिर कहा, पेट्रोल पर बिक्रीकर घटाएं राज्य

पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बार फिर राज्यों से पेट्रोल, डीजल पर बिक्रीकर घटाने की अपील की है. मंत्रालय ने कहा है कि महंगाई पर काबू तथा जनता को राहत देने के लिए राज्यों को परिवहन ईंधन पर बिक्रीकर में कमी करनी चाहिए.

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पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक बार फिर राज्यों से पेट्रोल, डीजल पर बिक्रीकर घटाने की अपील की है. मंत्रालय ने कहा है कि महंगाई पर काबू तथा जनता को राहत देने के लिए राज्यों को परिवहन ईंधन पर बिक्रीकर में कमी करनी चाहिए.

पेट्रोलियम राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने गाजियाबाद के लोगों को शहरी गैस वितरण नेटवर्क समर्पित करते हुए कहा, ‘ईंधन की कीमतों में वृद्धि के बाद उत्तर प्रदेश जैसे राज्य को पेट्रोल, डीजल पर 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. ऐसे में राज्यों को बिक्रीकर का बोझ कम करना चाहिए.’ उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर बिक्रीकर की दर 26.55 फीसदी तथा डीजल पर 17.23 फीसदी है.

हाल में दिल्ली सरकार द्वारा डीजल पर मूल्यवर्धित कर (वैट) को घटाने का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को इसी से संकेत लेते हुए बिक्रीकर में कटौती करनी चाहिए.

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पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा भी इससे पहले कह चुके हैं कि राज्यों को ईंधन पर बिक्रीकर तथा वैट की दर घटानी चाहिए. पर दिल्ली के अलावा किसी अन्य राज्य ने अभी तक इस अपील पर ध्यान नहीं दिया है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, राज्यों को पेट्रोल, डीजल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी से वर्तमान वैट तथा बिक्रीकर दरों पर 3,942.91 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी.

महाराष्ट्र जैसे राज्य को जहां 550 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, वहीं आंध्र प्रदेश को 410 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी. भाजपा शासित गुजरात को 285 करोड़ रुपये तथा कर्नाटक को 298 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.

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