पिछले ढाई साल में भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार ने इस दिशा में नोटबंदी का फैसला लेते हुए बड़े नोटों को चलन से बाहर कर दिया. सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन पर जोर दे रही है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो कम से कम कैश का इस्तेमाल करें और पेटीएम जैसे विकल्प को चुनें.
आज डिजिटल करेंसी, पेटीएम, ई-वॉलेट और डेबिट, क्रेडिट कार्ड जैसे वैकल्पिक व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं. अफ्रीका, केन्या जैसे देश पहले से ही डिजिटल मोड का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत जैसा देश जिसकी 65 फीसदी जनसंख्या 35 साल की उम्र से कम की है. भारत जो पूरी दुनिया में आईटी हब के नाम से जाना जाता है. भारत जिसके करोड़ों अनपढ़ और गरीब व्यक्ति EVM से वोट देने में माहिर हैं. ऐसे देश के सभी नागरिक अगर संकल्प करें तो देखते ही देखते अरबों खरबों के नोटो के नीचे दबा हुआ देश का अर्थतंत्र उससे बाहर निकलकर विकास की एक नई खुशबू और ताजगी के साथ आगे बढ़ सकता है.
इस सपने को पूरा करने के लिए ई-पेमेंट को बढ़ावा देना, ई-वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग के प्रचलन को बढ़ाना, डिजिटल से समाज को डिजि धन की ओर ले जाना जरूरी हो गया है. 1000 और 500 रुपये के नोटों के बंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में काफी बढ़ोतरी हुई है. जरूरी है कि इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का प्रचलन समाज के हर वर्ग में फैले.
प्रोत्साहन योजना के मुख्य बिंदु:
• वो उपभोक्ता (Consumers) और विक्रेता (Merchants) जो इलेक्टॉनिक पेमेंट का उपयोग करते हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
• इस योजना में दो तरह की प्रोत्साहन धनराशि की व्यवस्था है.
▪ प्रत्येक सप्ताह भाग्यशाली विजेताओं को नकद पुरस्कार दिए जाने की रूपरेखा बनाई जाएगी.
▪ हर तीन महीने में उपभोक्ताओं में से कुछ को एक पुरस्कार दिया जाएगा.
• योजना में यह ध्यान रखा जाएगा कि गरीबों, निम्न-मध्यम वर्ग व छोट व्यापारियों को प्राथमिकता मिले.
• इस योजना में निम्न प्रकार के डिजिटल पेमेंट स्वीकार किए जाएंगे-
USSD, AEPS, UPI और RuPay Card
• विक्रेताओं के लिए उनके द्वारा स्थापित POS मशीन पर किए गए ट्रांजेक्शन इस योजना के लिए मान्य होंगे.
• योजना की रूपरेखा जल्द ही पेश की जाएगी. ये सुनिश्चित किया जाएगा कि 8 नवंबर के बाद ऐसे जितने लोग डिजिटल पेमेंट का उपयोग कर रहे हैं वे इस योजना के लाभ उठाने के हकदार होंगे.
• वर्तमान में दो प्रकार के सुझाव चल रहे हैं कि प्रोत्साहन योजना 6 महीने चलाई जाए या एक वर्ष तक चलाई जाए.
• राज्य सरकारों, उनके उपक्रमों, जिलों, महानगर निगमों व पंचायतों में भी जहां कैशलेस ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया गया हो, उन्हें भी पुरस्कृत किया जाएगा.