दिल्ली में बच्चों के उत्पीड़न के मामले में 6 पुलिसवाले सस्पेंड कर दिए गए हैं. आजतक पर 'ऑपरेशन कालकोठरी' दिखाए जाने के बाद पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की गई.
दिल्ली में बच्चों को अवैध रूप से लॉकअप में रखे जाने के मामले में विजय विहार थाने के एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों पर गाज गिर गई है.
गौरतलब है कि दिल्ली में कई बच्चे बिना किसी अपराध के सबूत के ही गैरकानूनी तरीके से लॉकअप में डाल दिए जाते थे. पुलिस ऐसे बच्चों पर अत्याचार करती थी. आजतक ने इस मामले को उजागर किए था, जिसके बाद कार्रवाई की गई.
क्या है पूरा मामला:
दिल्ली के विजय विहार इलाके में 26 मार्च, 2013 को एक हार्डवेयर की दुकान में जब चोरी हुई तो पुलिस का कहर इलाके की दो गलियों में टूट पड़ा. इन दो गलियों में 12 साल से लेकर 18 साल के बच्चों पर पुलिस की ऐसी छापेमारी हुई कि पुलिस ने रातोंरात थोक के भाव बच्चों को जिप्सी में भरा और थाने ले पहुंची और आठ बदनसीब बच्चे पुलिस के हत्थे चढ़ गये.
इन बदनसीब बच्चों के पास से चोरी के एक रुपये की चीज भी बरामद नहीं हुई, लेकिन बिना किसी सबूत के वर्दी वाले दरिंदों का कहर कई दिनों तक टूटता रहा. इन्हें थाने के हवालात में रखने की जगह पुलिस ने इन्हें गुपचुप ठिकानों पर रखा. इन ठिकानों पर इन्हें बंद कमरों में जंजीरों से बांधा गया और कई दिन तक इतनी बेरहमी से पिटाई हुई कि कुछ बच्चों ने खून की उल्टी कर दी और कुछ बच्चे मार खा-खाकर बेहोश हो गये.
26 मार्च, 2013 को पुलिस इन बदनसीब बच्चों को चोरी के संदेह में इसी प्राइवेट लॉकअप में लेकर आई. बच्चों ने बताया कि उनके हाथों में हथकड़ियां डाल दी गई और इन हथकड़ियों को जंजीर से बांधकर खिड़की में लगी लोहे की ग्रिल से बांधा गया. बच्चों के मुताबिक SHO सुनील कुमार के आदेश पर थाने के कुछ सिपाहियों ने इस प्राइवेट लॉकअप में इन्हें रात भर चोरी कबूल करने के लिए अमानवीय यातनाएं दीं.
थाने के चक्कर में फंसे इन गरीब घर के बच्चों को उनके मां-बाप रात भर ढूंढते रहे, लेकिन गुहार सुनने वाले कान पुलिस थाने में बंद हो चुके थे. 48 घंटे यातना के इस लॉकअप में बीत चुके थे. मोहल्ले में खलबली मची तो थाने में मुखबिर ने पुलिस को अलर्ट कर दिया. फिर रातों-रात डीडीए के अवैध कब्जे वाले फ्लैट में बने लॉकअप से इन बच्चों को उठाकर एक और ऐसे ही गैरकानूनी लॉकअप में डाल दिया गया. ये लॉकअप विजय विहार के डीडीए फ्लैट्स से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर बने एक बिल्डर फ्लैट में रखा गया.
बहरहाल, आजतक द्वारा खुलासा किए जाने के बाद अब प्रशासन की नींद खुली है. हंगामे के बाद अब मामले की जांच की जा रही है.