अभी तक आपने हिंदुस्तान में पकड़े गए आतंकियों को पुलिस की गिरफ्त में देखा होगा और कारनामों को सिर्फ सुना होगा. लेकिन हम आपको बताएंगे कि मुंबई हमले में आतंकी अजमल आमिर कसाब को हिंदी सिखाने वाले टीचर अबू जुंदाल को कैसे हिंदुस्तान में मिली आतंकवादी बनने की ट्रेनिग.
अब यह राज खुल चुका है कि कैसे सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि मुंबई के 26/11 हमले के लिए मुंबई से महज 200 किमी. दूर चली आतंक की पाठशाला. कैसे उस आतंक की पाठशाला में तैयार हुए ऐसे आतंकी, जो आज भी हिंदु्स्तान को हिला रहे हैं. आजतक का 'ऑपरेशन नाग' देश के उन दुश्मनों के चेहरों को बेनकाब करेगा, जिसका जहर धमाकों की शक्ल में हिंदुस्तान को डंस रहा है.
पहली बार हम आपको आतंक की चार तस्वीरें दिखाने जा रहे है. तस्वीरें में दिख रहे चेहरे जितनी अहम है, उससे कहीं ज्यादा सनसनीखेज है वो इलाका, जहां इन तस्वीरों को कैद किया गया, वो भी 26/11 हमले से ठीक दो साल पहले.
अभी तक 26/11 आतंकी हमले की साजिश को पाकिस्तान से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन तस्वीरें खुलासा करती हैं कि मुंबई से मजह 200 किलोमीटर दूर चल रही थी आतंक की पाठशाला. आतंकी की ये तस्वीरें औरंगाबाद शहर के एक गुप्त ठिकाने की है. आतंक का वो ठिकाना, जहां से जुड़े हैं 26/11 हमले के तार. वो ठिकाना, जहां आतंकी आमिर अजमल कसाब का टीचर 26/11 हमले की तैयारी कर रहा था.
आतंकियों में एक है जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबू जुंदाल. इसके ठीक बगल में बैठा है आंतकियों का गुरु फैयाज कागजी. ये तस्वीरें 26/11 हमले से ठीक दो साल पहले की हैं. यानी दो साल पहले से ही पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि मुबई पर हमले की साजिश मुंबई से बेहद करीब औरंगाबाद के एक गुप्त ठिकाने पर बनाई जा रही थी.
तस्वीरों में फैयाज कागजी एक साथ कई लड़कों को जेहाद की क्लास दे रहा है. फैयाज लोगों को इस क्लास के जरिये गुमराह करने की कोशिश में जुटा है. तस्वीरों में दो और लड़के भी दिखे हैं, जिनके बारे में जांच एजेंसियों को अब तक कोई खास जानकारी हाथ नहीं लगी है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये दोनों लड़के औरंगाबाद हथियार केस में शामिल हैं और फिलहाल फरार हैं.
एक तस्वीर में फैयाज कागजी हिमायत बेग को आतंकी की लाइब्रेरी में कुछ किताबें दिखाने की कोशिश कर रहा है. आपको बता दें कि हिमायत बेग को साल 2010 में मुंबई एटीएस ने पुणे के जर्मन बेकरी बम ब्लास्ट में पकड़ा था, जिसे फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.
एक तस्वीर है किसी धार्मिक प्रोग्राम की, जहां तमाम लड़कों को आतंकी बनाने के लिये पूरी तरह से प्रेरित करने की कोशिश की जा रही है.
इस आतंक की पाठशाला में तालीम लेने के बाद क्लास के लड़कों ने जो किया, उसने हिंदुस्तान को कभी ना भूलने वाला दर्द दिया. इसी क्लास में आतंक की शिक्षा लेने के बाद अबू जुंदाल ऐसा खूंखार हो गया कि पाकिस्तान में जाकर मुंबई हमले की तैयारी में शामिल हो गया और मौत बांटने आ रहे 10 पाकिस्तानी हमलावरों को न सिर्फ हिंदी बोलने की ट्रेनिंग दी, बल्कि कराची के कंट्रोल रूम में बैठकर हमले के लिये कसाब समेत सारे आतंकियों को फोन पर निर्देश भी देता रहा.
ये आतंक की सबसे खौफनाक क्लास मुंबई से बेहद करीब चल रही थी, लेकिन देश की किसी भी जांच एजेंसी को कोई भनक नहीं लग पाई. नतीजा मुंबई हमले की शक्ल में सबके सामने है.