चॉकलेट का जिक्र हो और मुंह में पानी न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता. बच्चों से लेकर बड़ों तक को चॉकलेट का शौक होता है. यही वजह है कि इससे लाभ या नुकसान की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता.
चॉकलेट दो तरह की होती हैं. ब्लैक चॉकलेट और व्हाइट चॉकलेट. दोनों को ही लोग पसंद करते हैं. पोषक आहार विशेषज्ञ डा. सुनीत खन्ना कहते हैं, ‘दोनों तरह की चॉकलेट में एंटीऑक्सिडैंट पाये जाते हैं लेकिन ब्लैक चॉकलेट रक्तचाप कम करने में फायदेमंद होती है. वहीं, चीनी की अधिकता होने के कारण व्हाइट चॉकलेट से वजन बढ़ सकता है.’ उन्होंने कहा कि व्हाइट चॉकलेट में दूध और चीनी होती है इसलिये अगर इसे खाने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य सामान्य है तो यह हानिकारक नहीं है. अगर स्वस्थ व्यक्ति रोजाना दोनों तरह की चॉकलेट का 15 ग्राम से भी कम मात्रा में सेवन करता है तो यह नुकसानदेह नहीं है.
डॉ सुनीत ने कहा कि अगर व्हाइट चॉकलेट की लत पड़ जाये तो इससे वजन बढ़ सकता है और रक्त में चीनी की मात्रा बढ़ने से मधुमेह के मरीजों को यह नुकसान पहुंचा सकती है.
आहार विशेषज्ञ कामिनी बाली कहती हैं, ‘चॉकलेट खाने के बाद बच्चों को ब्रश जरूर करना चाहिए क्योंकि अगर दांतों की दरारों में यह फंस जाए तो दांत खराब होने की आशंका रहती है, लेकिन चॉकलेट के कुछ फायदे भी होते हैं.’
चॉकलेट कब अस्तित्व में आई यह तो कहना मुश्किल है लेकिन इतिहास के पन्ने बताते हैं कि 1100 ईसा पूर्व चॉकलेट जैसी खाद्य वस्तु प्रयुक्त की जाती थी. थोड़े कड़े रूप में चॉकलेट 1847 में बाजार में आई. इसके बाद मार्स इनकारपोरेट ने इसका सबसे पहले उत्पादन किया. प्रयोगों का सिलसिला चलता रहा. फिर अमेरिका में नेस्ले, कैडबरी से लेकर कई ब्रांड चॉकलेट निर्माता के तौर पर उभरे.
हर साल सात जुलाई को अमेरिका में चॉकलेट डे मनाया जाता है.वर्तमान में तरह-तरह के फ्लेवर वाली चॉकलेट बाजार में मौजूद हैं. इनमे ड्राई फ्रूट और फल भी मिलाए जाते हैं. चॉकलेट का जादू छोटे से ले कर बड़ों तक को अपनी गिरफ्त मे ले लेता है. शायद यही वजह है कि सुपर स्टार अमिताभ बच्चन से लेकर रानी मुखर्जी तक चॉकलेट के विज्ञापनों में नजर आते हैं.