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गाजियाबाद पीएफ घोटाले के मुख्य आरोपी की जेल में मौत

करोड़ों रुपये के बहुचर्चित भविष्य निधि घोटाले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी शनिवार को डासना जिला जेल के प्रकोष्ठ में मृत पाया गया

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करोड़ों रुपये के बहुचर्चित भविष्य निधि घोटाले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी शनिवार को डासना जिला जेल के प्रकोष्ठ में मृत पाया गया. इस बहुचर्चित भविष्य निधि घोटाले में उपरी और निचली अदालतों के कई न्यायाधीश कथित तौर पर आरोपी हैं.

मृत्‍यू के कारणों का पता नहीं
जेल अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि गत वर्ष जनवरी में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद आशुतोष अस्थाना (43) को शनिवार को जेल में दो बजे के करीब को मृत पाया गया. सिंह ने कहा कि अस्थाना की मृत्यु कैसे हुई, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘उसे बहुत पसीना आ रहा था और उसे जिले के एमएमजी गवर्नमेंट अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन चिकित्सकों ने अस्थाना को पूर्व से ही मृत करार दिया. अस्पताल अधीक्षक एके सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि अस्थाना ने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मृत्यु के बारे में सही जानकारी मिल पाएगी. अस्थाना के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेजा गया है.

अस्‍थाना ने लिया था कई जजों का नाम
अस्थाना गाजियाबाद की अदालत का एक कर्मचारी और 23 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपी था. जेल की जिस कोठरी में निठारी हत्याकांड के लिए कुख्यात सुरेंद्र कोली को रखा गया है उसकी अगली कोठरी में ही अस्थाना को रखा गया था. सीबीआई की अदालत के समक्ष अपने बयान में गत वर्ष सितंबर महीने में अस्थाना ने घोटाले के सिलसिले में संलिप्तता के संबंध में उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के 12 और जिला तथा अन्य अदालतों के 24 न्यायाधीशों का नाम लिया था. गाजियाबाद के वकीलों की संस्था के पूर्व अध्यक्ष ने अपनी याचिका में गाजियाबाद क्षेत्र के तीसरे और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भविष्य निधि खातों से 2001 से 2008 के बीच पैसों की निकासी के संबंध में किसी बड़े घोटाले का आरोप लगाया था. जिला मजिस्ट्रेट ने अस्थाना की मौत की जांच के आदेश दे दिये हैं.

गवाह को थी जान का खतरा होने की आशंका
करीब दो महीने पहले अस्थाना ने अपनी जान को खतरा होने का दावा किया था और अदालत से जेल के भीतर अपनी सुरक्षा कड़ी करने की मांग की थी. उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष सितंबर में भविष्य निधि घोटाले की जांच के मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था. गत एक वर्ष के भीतर मुख्य आरोपी की मौत का यह दूसरा मामला है. गत वर्ष जेल के भीतर प्रोफेसर कविता हत्याकांड के मुख्य आरोपी रविंदर प्रधान की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी थी. बाद में जांच के दौरान पता चला की उसे जहर दिया गया था.

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