देश में सेल्फी के चक्कर में जा रही जान की संख्या बढ़ते हुए देखकर सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय ने टूरिस्ट स्पॉट्स पर डेंजर सेल्फी जोन बनाने के लिए सभी राज्यों को लिखा है. ऐसी दुर्घटनाओं पर टूरिज्म मंत्री महेश शर्मा से खास बातचीत-
सवाल - आपने स्टेटस लिखा है, उसमें क्या है? आपने सेल्फी को लेकर के कोई एडवाइजरी जारी की है?
महेश शर्मा - देखिए, पिछले दिनों घटनाएं जो सामने आ रही थी. युवाओं की उत्तेजना के दौर में सेल्फी के माध्यम से जो दुर्घटना हुई है. मैं समझता हूं कि हमारी जिम्मेवारी है. हमारे मंत्रालय से जुड़े जो स्थान हैं, ऐतिहासिक स्मारक और प्रदेशों को भी लिखा है कि वह ऐसी चीजों का ध्यान रखें. जहां पर ऐसी घटनाएं हो रही है उन स्थान का ध्यान रखें. ऐसे स्थानों पर चेतावनी जरूर लिख दें . मैं खास तौर से अपनी युवा पीढ़ी से भी आहवान करता हूं कि कहीं सेल्फी के जोश में हम होश ना खो बैठें. इस बात का ध्यान रखें.
सवाल- इसमें और क्या-क्या करने वाले हैं, किस दिन से इंप्लीमेंट होगा और यह कितना व्यवहारिक है?
महेश शर्मा - पहले चरण में तो हम इसको आगाह करने की दृष्टि से लेकर आए हैं. इसमें और क्या-क्या प्वाइंट्स है और कौन-कौन से स्पोर्ट्स है उसको देख रहे हैं. जरूरत पड़ी तो हम अपने स्टाफ को भी कहेंगे कि वहां आने लोगों को आगाह करते रहें. सावधान करते रहें. ताकि वह अपने जीवन को खतरे में ना डालें .
सवाल - विदेशों से आने वाले टूरिस्ट के लिए क्या व्यवस्था है? विदेशी टूरिस्ट के साथ भी पिछले दिनों कई घटनाएं हुई हैं. उनको लेकर भी कुछ खास करने वाले हैं?
महेश शर्मा - प्रथम चरण में हम अपनी समाजिक जिम्मेवारी को और एक जो प्रशासनिक जिम्मेवारी है उसके माध्यम से हम चेतावनी दे रहे हैं. कुछ नए सुझाव-सलाह दे रहे हैं. जरूरत पड़ी तो हमारी जो टूरिस्ट वॉल इंटीरियर्स है उनका भी इस्तेमाल करेंगे. शुरू में यह देखें कि कहां पर ऐसे बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि सेल्फी के चक्कर में दुर्घटनाएं न हो.
सवाल - आपको लगता है कि बोर्ड लगाने से ऐसी घटना रोक पाएंगे?
महेश शर्मा - देखिये, ये प्रयास है. हम पर्यटन मित्रों के नाम से भी उनको इस्तेमाल करेंगे, ताकि ऐसी घटनाएं रुक जाए.