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संसद के मानसून सत्र के हंगामी होने के आसार

संसद का 26 जुलाई से शुरू हो रहा मानसून सत्र के हंगामी होने के आसार हैं क्योंकि विपक्ष का महंगाई, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत वृद्धि, भोपाल गैस त्रासदी और भारत-पाक वार्ता जैसे मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी करना तय है.

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संसद का 26 जुलाई से शुरू हो रहा मानसून सत्र के हंगामी होने के आसार हैं क्योंकि विपक्ष का महंगाई, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत वृद्धि, भोपाल गैस त्रासदी और भारत-पाक वार्ता जैसे मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी करना तय है.

रेल मंत्री ममता बनर्जी के कार्यकाल में हुई कई भीषण रेल दुर्घटनाओं और उनके दिल्ली की बजाय कथित रूप से कोलकाता में अधिक समय बिताने जैसे मुद्दों पर सदन में हंगामे की उम्मीद है. कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति और माओवादी हिंसा के मुद्दे भी प्रमुखता से उठेंगे.

महंगाई के मुद्दे पर पांच जुलाई को भारत बंद का आह्वान करने वाले विपक्षी दलों द्वारा महीने भर चलने वाले मानसून सत्र में कई ऐसे मुद्दे उठाये जाने की उम्मीद है, जो सरकार के धर्य की परीक्षा ले सकते हैं.

महंगाई के मुद्दे पर जहां एक ओर विपक्ष सरकार को परेशानी में डाल सकता है, वहीं कांग्रेस और राजद-लोजपा बिहार की नीतीश कुमार सरकार के कथित घोटाले का मुद्दा उठा सकते हैं. कांग्रेस कर्नाटक में अवैध खनन के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में गठबंधन के साझेदार दलों से सलाह मशविरा किया है.

भाजपा को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस हिन्दू समूहों के कथित रूप से सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त होने का मुद्दा उठा सकती है.{mospagebreak}

महिला आरक्षण विधेयक फिलहाल इस सत्र में सरकार के एजेंडे में प्राथमिकता पर नहीं नजर आता. राजद, लोजपा और सपा विधेयक के इसके मौजूदा स्वरूप में पेश किये जाने का विरोध कर रहे हैं. राज्यसभा इस विधेयक को पारित कर चुकी है. भाजपा नेताओं का कहना है कि महंगाई उनके लिए प्रमुख मुद्दा होगा. पार्टी 29 जुलाई को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को इस संबंध में दस करोड़ हस्ताक्षर सौंपेगी.

आईपीएल में कथित वित्तीय अनियमितता, पाकिस्तान के साथ वार्ता और विदेश मंत्री स्तर पर हुई वार्ता के दौरान उपजे विवाद, नक्सल हिंसा तथा कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से उठाये जा सकते हैं.

मानसून सत्र में ही भाजपा 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद का मुद्दा उठाएगी. भाजपा नेताओं का कहना है कि 3-जी और 2-जी स्पेक्ट्रम के बीच भारी अंतर से किसी घोटाले का संकेत मिलता है और इस सत्र में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा.

जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर भी संसद में हंगामा हो सकता है. जद यू, राजद, सपा और लोजपा जाति को जनगणना में शामिल करने की वकालत कर रहे हैं.{mospagebreak}

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जद यू प्रमुख शरद यादव ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को पिछले सप्ताह एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि सरकार इस मुद्दे पर कथित रूप से विलंब कर रही है.

सरकार ने देश भर में समान कराधान व्यवस्था लागू करने के मसले पर विपक्ष से सलाह मशविरा किया है.

लोकसभा के नेता मुखर्जी ने सदन पटल पर हर मसले पर चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

उधर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की रविवार को बैठक बुलायी है ताकि सदन का कामकाज सुचारू रूप से संचालित करना सुनिश्चित हो सके. इस बार सांसदों के वेतन भत्ते बढाने, परमाणु दायित्व और न्यायिक जवाबदेही विधेयक सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल हैं.

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