सत्यम कंप्यूटर के नवगठित बोर्ड के सदस्य दीपक पारेख ने सोमवार को कहा कि सरकार बोर्ड में जल्दी ही कुछ और निदेशकों की नियुक्ति करेगी और अध्यक्ष का चुनाव पूर्ण बोर्ड करेगा. इस बीच, केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सत्यम को दी जा रही सरकारी सहायता में वित्तीय सहायता भी शामिल हो सकती है क्योंकि यह रोजगार और संस्थागत निवेश को बचाने से जुड़ा मसला है.
करीब 7,800 करोड़ रुपये के घोटाले से जूझ रही कंपनी के लिए पुनर्गठित निदेशक मंडल की बैठक सोमवार को यहां पहली बार हुई. बैठक में कंपनी के पास नकदी की कमी समेत सभी फौरी मुद्दों से निपटने के लिए विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई. सरकार द्वार रविवार को गठित तीन सदस्यों वाले निदेशक मंडल की बैठक के तुरंत बाद पारेख ने संवाददाताओं से कहा कि सत्यम के पास रोजमर्रा के काम के लिए पूंजी पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.
उन्होंने बोर्ड के दो अन्य सदस्यों किरण कार्णिक और सी आच्युतन के साथ संवाददाताओं से कहा कि सत्यम के खातों की नई ऑडिट परीक्षा के लिए 48 घंटे के अंदर स्वतंत्र ऑडिट कंपनी की नियुक्ति की जाएगी. पारेख ने कहा कि कंपनी के लिए नए मुख्य कार्याधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी नियुक्त करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे दिमाग में कोई उम्मीदवार नहीं है और कोई भी 24 घंटे के अंदर कंपनी से जुड़ने के लिए तैयार नहीं है.
उन्होंने कहा कि प्राथमिकता ग्राहकों, कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं और निवेशकों के भरोसा बहाल करना है. सत्यम के पास बहुत से महत्वपूर्ण ग्राहक हैं इसलिए सेवा बरकरार रखना प्राथमिकता होगी. अन्य सदस्य सी अच्युतानंदन ने कहा कि बोर्ड के कंपनी के लिए कानूनी मामलों से बचाव की मांग नहीं की है. यह पूछने पर कि पीडब्ल्यूसी के खिलाफ मामला दायर किया जाएगा, पारेख ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना अभी बहुत जल्दी होगी.