कश्मीर घाटी में अमन-चैन बहाल होने की उम्मीद को फिर झटका लगा है. कर्फ्यू की वजह से विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला अब यहां रात में शुरू हो गया है. राजधानी श्रीनगर में गुरुवार रात सैकड़ों की भीड़ ने प्रदर्शन किया और नारे लगाए. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कोशिशों का असर यहां नहीं दिख रहा.
कश्मीर में अलगाववादियों के प्रदर्शन का सिलसिला नहीं थम रहा है. अब तो रात में भी सैकड़ों की भीड़ राजधानी श्रीनगर की सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन कर रही है. शाम को कर्फ्यू खत्म होते ही और सुरक्षा बलों के हटने के बाद विरोध प्रदर्शन और तेज हो जाता है.
गुरुवार को भी ऐसे ही हिंसक प्रदर्शनों में दो और लोगों की मौत हो गई. पिछले 11 जून से शुरू हुए इन विरोध प्रदर्शनों की वजह से 48 लोगों की अब तक जान जा चुकी है. आरोप ये भी है कि घाटी में सक्रिय हुर्रियत कांफ्रेंस, सियासी पार्टियों के अलावा कुछ कट्टरपंथी अलगावावादी भी इन विरोध प्रदर्शनों को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.
उधर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अस्पतालों में जाकर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में घायल हुए लोगों से मिले और उनके जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की.