बॉम्बे जयश्री ने अपने सत्र की शुरुआत 'लाइफ ऑफ पाई' के गीत को गाकर किया. संगीत कंपोजर और सिंगर बॉम्बे जयश्री ने 'Bright Young Thing: Music, Is Fusion the only Way to Take Indian Music Global?' सत्र में कहा कि 'संगीत का संगम' ही संगीत की अलग-अलग विधाओं को परिभाषित करने के लिए सबसे उपयुक्त तरीका है.
जयश्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि संगीत में केवल प्रयोग करने के लिए ही प्रयोग नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भी दो संस्कृति मिलती है, तो दोनों की खासियत अलग दिखती रहनी चाहिए, यही कला है.
भारतीय परंपरा को तवज्जो देते हुए जयश्री ने कहा कि हमें अपनी परंपरा की जड़ को पकड़कर रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने आधार को नहीं समझेंगे, तब तक हम नई संस्कृति की प्रशंसा नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि संस्कृति को समझकर ही हम कुछ नई रचना गढ़ पाएंगे.
ऑस्कर में नामांकित हो चुकी जयश्री ने कहा कि अपने संगीत को समझने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
भारतीय संगीत की वस्तुस्थिति के बारे में जयश्री ने कहा कि मेरी मां, दादी कहती हैं कि क्लासिकल म्यूजिक अब खत्म हो चुका है. इसके दिन अब लद गए, लेकिन मुझे देखिए, मैं अब भी यह गाती हूं और इस कारण मेरे मित्र और बाकी लोग प्रशंसा करते हैं.