जिला चिकित्सा अधिकारी ने पत्रकार निरूपमा पाठक के शव की आटोप्सी करने वाले डाक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा है. निरूपमा यहां अपने निवास में मृत पायी गयी थी जिसके बारे में संदेह है कि उसके परिजनों ने इज्जत की खातिर उसे मार डाला.
जिला सिविल सर्जन डाक्टर बी मोहन ने कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले तीन चिकित्सकों से विसरा सुरक्षित नहीं रखने का स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने कहा कि पीड़ित के पेट के न्यूकोसा वाल्स में ‘न्यूकोइड फ्ल्युड’ सामान्य (तीन आउंस) था इसलिये शायद चिकित्सकों ने ऐसा जरूरी नहीं समझा होगा.’’ मोहन ने कहा ‘‘ मैं नहीं समझता कि इससे किसी तरह चल रही जांच प्रभावित होगी लेकिन फिर भी डा. शिव कुमार डा. आशीष कुमार और डा. के बी सिंह को उसे सुरक्षित रखना चाहिये था.’’
फोरेन्सिक और सीआईडी अधिकारियों ने कल पाठक के घर से पत्र और अन्य सामान सहित दस्तावेज एकत्रित किये और परिजननों के मोबाइल से 29 अप्रैल को निरूपमा की मौत के दिन किये गये काल का पता लगाया.
पाठक की माता शुभा का अपनी बेटी की मौत में हाथ होने का संदेह है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. रिपोर्ट में गला घोंटने के कारण श्वास रूकने से मौत की पुष्टि हुई.
निरूपमा ब्राह्मण थी और भारतीय जन संचार संस्थान में अपने बैच के एक साथी से विवाह करना चाहती थी जो दूसरी जाति का था. परिवार वाले इसके खिलाफ थे.