भारतीय इकोनॉमी के बुरे दिन खत्म हो गए हैं और आने वाले समय में यहां काफी तरक्की होगी. जीडीपी विकास की दर इस पूरे साल 5 से 5.5 प्रतिशत तक रहेगी. इसके बाद यह 2015 में 6 प्रतिशत तक जाएगी. यह बात अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कही.
आने वाले चुनाव की संभावनाओं से बिजनेस कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और इससे इकोनॉमी आगे जाएगी. भारतीय इकोनॉमी अब रुपये की गिरावट और चालू खाते के घाटे की समस्या से उबर चुकी है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट 'इंडिया आउटलुकः स्टेडी ग्रोथ, लोवर रिस्क' में कहा है कि हाल की तिमाहियों में भारतीय इकोनॉमी स्थिर होने लगी थी, हालांकि जीडीपी में विकास उसकी क्षमता से कम ही रहा. उसके फिर से लुढ़कने की आशंका कम होती जा रही है. भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले अब कमजोर नहीं है, जितना वह 2013 में था. इकोनॉमी धीरे-धीरे इस साल बेहतर होती जाएगी, लेकिन अपनी पूर्ण क्षमता पर 2015 के पहले नहीं पहुंचेगी.
जीडीपी विकास की दर इस पूरे साल 5 से 5.5 प्रतिशत तक रहेगी. इसके बाद यह 2015 में 6 प्रतिशत तक जाएगी. यह बढ़ोतरी एक्सपोर्ट्स के जरिये होगी, जिनमें 2013 के मध्य से वृद्धि होनी शुरू हुई है. 2014 में निवेश के बढ़ने से इसमें और तेजी आएगी. रिपोर्ट तैयार करने वाले एक्सपर्ट ग्लेन लीवाइन के मुताबिक इस बात के कई कारण हैं कि भारतीय इकोनॉमी ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी है. हालांकि यह थोड़ी धीमी है. आर्थिक विकास अब स्थिर हो चला है.
उन्होंने यह भी कहा कि इकोनॉमी का सबसे बुरा वक्त गुजर गया है और बुरी खबरें आनी बंद हो गई हैं. उधर, ग्लोबल इकोनॉमी में भी सुधार होने लगा है. इसमें भी अगले साल कहीं ज्यादा विकास होगा.