मार्क्सवादी कम्युनिट पार्टी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश में दो ताकतों, बड़े व्यापारिक घरानों से और हिंदुत्व से निपटने की आवश्यकता है.
करात ने कहा कि मोदी सरकार के नौ माह के कार्यकाल में कई तरह के लाभ पा चुके बड़े व्यापारिक घरानों और उद्योगपतियों तथा अपने सांप्रदायिक एजेंडे को आगे ले जा रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को रोका जाना चाहिए. वह केरल में माकपा के 21वें पार्टी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. यह सम्मेलन चार दिनों तक चलेगा.
उन्होंने कहा, 'उद्योगपतियों को खुश करने के लिए मोदी सरकार ने तीन अध्यादेश पारित किए, जिसमें बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने वाला अध्यादेश भी शामिल है. पहली बार कोयला खनन को निजी क्षेत्र के लिए खोला जा रहा है. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को संशोधित किया जा रहा है जो कि किसानों के लिए हानिकारक है और बड़े व्यापारिक घरानों के लिए लाभकारी है.'
मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए करात ने कहा कि केंद्र सरकार बीजेपी और आरएसएस की संयुक्त उद्यम बन गई है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्ववादी ताकतों ने देश में 'घर वापसी और लव जिहाद' जैसे कार्यक्रम चला रखे हैं.
करात ने कहा, 'इस तरह की ताकतों से निपटने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट हो जाना चाहिए. माकपा और वामपंथ को इसमें भूमिका निभानी है. पश्चिम बंगाल में हमारे लिए यह समय कठिन है. हमें पूरे देश में वामपंथ की एकता का प्रसार करना चाहिए.' चार दिवसीय यह सम्मेलन मंगलवार को समाप्त होगा.
इनपुट: IANS