दोषी सांसदों और विधायकों संबंधी अध्यादेश के बारे में की गई अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सच बोलने का कोई ‘सही समय’ नहीं होता क्योंकि सही समय का इंतजार करने में सच झूठ में बदल जाता है.
वाल्मीकि महासम्मेलन अधिकार दिवस पर अपने संबोधन में राहुल ने कहा, ‘मैं गुजरात में था. वहां मुझे पत्रकारों ने बताया कि विपक्ष कह रहा है कि मैंने अध्यादेश के बारे में बोलने के लिए सही समय नहीं चुना. क्या सच बोलने का भी कोई समय होता है...अगर आप सच बोलने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं, तो यह सच नहीं रह जायेगा बल्कि झूठ में बदल जाएगा.’
गौरतलब है कि राहुल ने दोषी सांसदों और विधायकों संबंधी अध्यादेश को ‘पूरी तरह बकवास’ करार दिया था और इसे फाड़कर फेंकने की बात कही थी, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था और सरकार को उसे वापस लेने के लिए विवश होना पड़ा.
राहुल ने बीजेपी पर आरोप लगाया, 'उसमें गरीबों के प्रति समझदारी का अभाव है. वे रात आपके घर में नहीं रुकते. वे आपकी तरक्की की सिर्फ बात करते हैं, लेकिन आपका हाथ नहीं थामते और वे आपकी दिक्कतें भी नहीं समझते.’
इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय वाल्मीकि संघ ने किया था. संघ ने समुदाय की तरक्की में योगदान के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को ‘वाल्मीकि सम्मान’ प्रदान किया.