आईसीसी अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया है कि आईपीएल के निलंबित अध्यक्ष ललित मोदी अगर भ्रष्टाचार के दोषी पाये जाते हैं, तो इसका नतीजा उन्हें भुगतना होगा और उनका ‘बचाव’ करने का सवाल ही नहीं उठता.
पवार ने कहा कि हाल के भ्रष्टाचार स्कैंडल ने आईपीएल की छवि कुछ हद तक खराब की है और मोदी को अपनी विवादस्पद कार्यशैली की कीमत चुकानी पड़ रही है, जिसे बीसीसीआई के आला अधिकारियों ने पसंद नहीं किया.
यह पूछने पर कि क्या आईपीएल चलाने के दौरान वित्तीय अनियमितताओं को दोषी पाये जाने पर वह मोदी का बचाव करेंगे, पवार ने कहा, ‘‘किसी को बचाने का सवाल ही नहीं उठता. मोदी ही नहीं किसी को भी. अगर किसी ने कोई गलती की है तो उसे इस अंजाम भुगतना होगा.’’ इस महीने की शुरुआत में इंग्लैंड के डेविड मोर्गन की जगह आईसीसी अध्यक्ष पद संभालने वाले पवार ने कहा कि मोदी को आईपीएल को वैश्विक ब्रांड बनाने का श्रेय दिया जाना चाहिए लेकिन उनकी कार्यशैली समस्या थी.{mospagebreak}
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘उत्पाद के रूप में आईपीएल इस देश में सफल रहा. इसने स्थापित किया कि भारत भी इस तरह की चीजों का आयोजन कर सकता है और उसे (मोदी) इसमें काफी परेशानी उठानी पड़ी और इसमें कोई दो राय नहीं. अगर किसी ने योगदान दिया है तो उसे स्वीकार किया जाना चाहिए.’’
पवार ने कहा, ‘‘लेकिन उसकी कार्यशैली विवादास्पद बन गई और मौजूदा बोर्ड का मानना है कि सही गहराई तक जाना चाहिए. बोर्ड ने एक समिति बनाई है और देखते हैं कि नतीजा क्या होता है. बीसीसीआई के बारे में जो मुझे पता है वह उचित फैसला करेगा और अपनी कार्यशैली तथा छवि को सुधारने के लिए कदम उठाएगा.’’यह पूछने पर कि क्या बीसीसीआई ने मोदी के साथ उचित व्यवहार किया, पवार ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि उसे उचित ट्रायल का मौका दिया जाएगा, लेकिन मैं इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करूंगा.’’ बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख ने इस बात से इनकार किया कि वह आईपीएल कांड में मोदी का बचाव कर रहे हैं.{mospagebreak}उन्होंने कहा कि अगर बीसीसीआई इस मामले में संतोषजनक कदम नहीं उठा पाता तो भी आईसीसी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता क्योंकि यह घरेलू टूर्नामेंट से संबंधित मामला है. उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी को अपने संविधान के तहत किसी सदस्य देश की कार्यशैली में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. आईसीसी उनके घरेलू टूर्नामेंटों में हस्तक्षेप नहीं करता.’’