मुरादाबाद से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक आग फैल गई. यूपी की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपशब्द कहने वाली सूबे की कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को जेल भेज दिया गया. मुरादाबाद की अदालत ने रीता को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. रीता बहुगुणा जोशी को कल ग़ाज़ियाबाद से गिरफ़्तार किया गया था. उनके ख़िलाफ़ मुरादाबाद में एफआईआर दर्ज की गई थी, इसलिए गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुरादाबाद भेज दिया गया.
दरअसल, मुरादाबाद में कांग्रेस की एक सभा में रीता बलात्कार के कुछ मामलों में यूपी सरकार की ओर से दिए गए मुआवज़े का ज़िक्र कर रही थीं. इसी दौरान उन्होंने मायावती के बारे में अभद्र टिप्पणी कर दिया.
सड़क पर उतरे कार्यकर्ता
उधर रीता जोशी की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं. वो जगह जगह हंगामा कर रहे हैं. मुरादाबाद में प्रदर्शनकारी जबरन दुकाने बंद कराने के साथ साथ सड़कों पर जाम भी लगा रहे हैं. प्रदेश के दूसरे इलाक़ों में भी कांग्रेस कार्यकर्ता हंगामा मचा रहे हैं. कांग्रेस समर्थक रीता बहुगुणा जोशी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं और मायावती सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. हालात को देखते हुए आरपीएफ और पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया गया है.
बयान के बाद हंगामा
रीता बहुगुणा जोशी के बयान पर तो कांग्रेस कुछ नहीं कह रही है, पर उनके बयान के बाद हुए हंगामे से ज़रूर कांग्रेस को ऐतराज़ हो गया है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का आरोप है कि सब कुछ मायावती के इशारे पर हो रहा है. बीजेपी सांसद मेनका गांधी को रीता जोशी के बयान में कुछ भी ग़लत नहीं दिखता. उन्होंने मांग की है कि पुलिस का ग़लत इस्तेमाल कर रही मायावती सरकार को बर्खास्त कर दिया जाए.
लेफ्ट ने भी यूपी में मचे बवंडर पर खेद जताया है. सीपीआई के नेता डी राजा ने कहा कि एक महिला नेता को दूसरी महिला नेता के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उधर रीता जोशी पर हुई कार्रवाई के बारे में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि मायावती सरकार दलित एक्ट का गलत इस्तेमाल कर रही है.