दिल्ली के पॉश इलाके बसंत कुंज में नामचीन स्कूल रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पहली क्लास के एक बच्चे की जान चली गई. प्राथमिक जांच से मिली जानकारी में स्कूल प्रबंधन की कई लापरवाही सामने आ रही है. ऐसी पांच बड़ी लापरवाही जो नहीं होती तो बच सकती थी 6 साल के दिव्यांश की जान -
1. जांच के बाद बाहर आ रहे तथ्यों से साफ होता है कि दिव्यांश स्कूल के थिएटर के पिछले दरवाजे से बाहर निकला था. स्कूल प्रबंधन और आंखों देखा बयान करने वालों के मुताबिक यह सबसे बड़ी लापरवाही है. इसकी वजह से कोई भी बच्चा
स्कूल के उन इलाकों में जा सकता है, जिधर जाने की उन्हें मनाही है.
2. आवाज सुनकर अंदर गए इलेक्ट्रिशियन के पास सिर्फ टॉर्च था. अंधेरे में उसे कुछ नहीं दिखा. उसने भी मदद की गुहार
लगाई. फौरन मदद की बजाय उसे स्कूल के स्विमिंग कोच और ग्यारहवीं के एक स्टूडेंट को बुलाना पड़ा. रोशनी की कमी इतने
बड़े होने का दावा करने वाले स्कूल के लिए लापरवाही का बड़ा उदाहरण है.
3. स्टूडेंट ने ही टैंक के अंदर जाकर बच्चे को बाहर निकाला. टैंक अधखुला बताया जाता है. बचाव की कोशिश के वक्त भी
स्लैब खुला था. इतनी बड़ी चूक स्कूल प्रबंधन की निगाहों छुटी हुई थी. वहीं पूछताछ में स्कूल प्रबंधन ने बच्चे की क्लास
डायरी सामने रख उसे अनुशासनहीन बताने की गैरजरूरी कोशिश की.
4. टैंक से बाहर निकाले गए दिव्यांश के लिए फर्स्ट एड का कोई इंतजाम उपलब्ध नहीं था. स्विमिंग कोच और उनके साथ
आए स्टूडेंट ने ही दिव्यांश को कृत्रिम सांस (सीपीआर) देने की कोशिश की. क्या स्कूल प्रबंधन के पास फर्स्ट एड और सीपीआर
देने वाला कोई ट्रेंड आदमी नहीं था? अगर ऐसा है तो यह बच्चों की सुरक्षा से बहुत बड़ी लापरवाही है.
5. स्कूल प्रबंधन के तथ्यों की मानें तो सीपीआर के दौरान दिव्यांश को उल्टी होने पर उसे इंडियन स्पाइनल इंज्युरी सेंटर ले
जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. यहां भी लापरवाही सामने आई है. सबसे नजदीकी अस्पताल का मामला
सामने आता है.
स्कूल प्रबंधन के अनुसार सभी पंप रूम के इंचार्ज पंप ऑपरेटर जब 30 जनवरी को ड्यूटी पर थे तो सिर्फ एक खास रूम ही खुला क्यों रहा? चल रही तमाम जांच और पूछताछ के बाद लापरवाही से जुड़े ऐसे कई सवाल संवेदनशील लोगों को परेशान कर रहे हैं.