प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजबूत इरादों के साथ देश के विकास के लिए अपनी कमर कस चुके हैं. भारत और दुनिया में अपने विरोधियों को लोहा मनवा चुके मोदी ने लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में जब सुनहरी तस्वीर पेश की तो सबका साथ, सबका विकास के अपने चुनावी मंत्र को उन्होंने आत्मसात किया. संसद में दिए अपने पहले भाषण्ा में मोदी ने देश के लिए सुनहरे सपने संजोए, अब उन्हें धरातल पर उतार उम्मीद पूरा करने की चुनौती है. पेश हैं नए पीएम मोदी के आठ एजेंडे, जिनके सहारे वो देश की नैया पार लगाएंगे.
ये हैं मोदी के एजेंडे
1. बदल देंगे हिंदुस्तान की छवि: भारत की छवि स्कैम इंडिया की बन गई है, जिसे हम स्किल्ड इंडिया में बदलेंगे.
2. विकास को जन आंदोलन बनाना होगा: महात्मा गांधी ने जिस तरह आजादी के लिए किया था, हम विकास के लिए वैसा ही आंदोलन करेंगे.
3. बलात्कार का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण बंद हो: बलात्कार जैसे मामलों पर ऊल जलूल बयान बंद हो. महिलाओं का सम्मान प्राथमिकता बने.
4. सामूहिकता के साथ चलने का संकल्प: लोकसभा में बहुमत लेकिन राज्यसभा में नहीं, इसलिए ममता, जयललिता की तारीफ की. मुलायम जैसे वरिष्ठों से सुझाव लेंगे.
5. गरीबी से निकलने की ताकत मुहैया कराएंगे: समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति का कल्याण प्राथमिकता. गरीबी से जूझने का बड़ा औजार शिक्षा और साधन अंधश्रृद्धा से मुक्ति.
6. अल्पसंख्यकों के साथ सबका विकास: शरीर का एक अंग विकलांग हो तो शरीर स्वस्थ नहीं हो सकता. सबका विकास एक साथ करेंगे.
7. संघीय ढांचे में राज्यों के साथ मिलकर काम: केंद्र बड़े भाई की तरह नहीं है, बल्कि राज्यों को साथ लेकर चलेगा. राज्यों में प्रतिस्पर्धा हो और अच्छा लगेगा जब यह सुनने को मिले कि फलां राज्य अब गुजरात से आगे निकल गया.
8. युवा कौशल का विकास कर दुनिया से मुकाबला: चीन के मुकाबले भारत युवा है और दुनिया को मैनपॉवर की जरूरत है. हमारी प्राथमिकता युवाओं में कौशल विकास करना होगा.