हरियाणा काडर के अफसर संजीव चतुर्वेदी को रमन मैग्सेसे अवॉर्ड के लिए चुना गया है. अपने काम की वजह से लगातार चर्चा में रहने वाले इस जोशीले अफसर के बारे में 15 बातें...
1. 1995 में इन्होंने मोतीलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद से बीटेक किया.
2. ये 2002 के आईएफएस अफसर हैं.
3. संजीव चतुर्वेदी मूलत: हरियाणा काडर के अफसर हैं.
4. पहली पोस्टिंग इन्हें कुरुक्षेत्र मिली, जहां इन्होंने हांसी बुटाना नहर बनाने वाले ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज करवाई.
5. बतौर सीवीओ, एम्स में संजीव ने अपने दो साल के कार्यकाल में 150 से ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए.
6. 2014 में संजीव को स्वास्थ्य सचिव ने ईमानदार अधिकारी का तमगा दिया था.
7. पांच साल में 12 बार हुआ है संजीव का ट्रांसफर.
8. झूठे पुलिस मुकदमे और निलंबन के बाद राष्ट्रपति के यहां से चार बार हो चुकी है इनकी बहाली.
9. 2009 में हरियाणा के झज्जर और हिसार में वन घोटालों का पर्दाफाश किया.
10. 2009 में ही संजीव पर एक जूनियर अधिकारी संजीव तोमर को प्रताड़ित करने का आरोप लगा, हालांकि बाद में वह आरोप मुक्त हो गए.
11. 2007-08 में संजीव ने झज्जर में एक हर्बल पार्क के निर्माण में हुए घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसमें मंत्री और विधायकों के अलावा कुछ अधिकारी भी शामिल थे.
12. 2010 में उन्होंने राज्य सरकार से तंग आकर केंद्र में प्रति नियुक्ति की अर्जी दी थी.
13. 2012 में उन्हें AIIMS के डिप्टी डायरेक्टर का पद सौंपा गया.
14. उन्हें AIIMS के CVO पद की भी जिम्मेदारी सौंपी गई.
15. केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद संजीव को CVO पद से हटा दिया गया, जिस पर काफी विवाद भी हुआ.