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ये 14 दल मोदी के तो खिलाफ हैं पर कांग्रेस पर हैं चुप

तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू तो हो गई है लेकिन यह मूल रूप से नरेन्द्र मोदी का विरोध करने के लिए होता दिख रहा है. बुधवार को दिल्ली में वाम दलों की छत्र छाया में 14 दलों ने एक बैठक की जिसे साम्प्रदायिकता विरोधी बताया गया.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू तो हो गई है लेकिन यह मूल रूप से नरेन्द्र मोदी का विरोध करने के लिए होता दिख रहा है. बुधवार को दिल्ली में वाम दलों की छत्र छाया में 14 दलों ने एक बैठक की जिसे साम्प्रदायिकता विरोधी बताया गया.

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इन दलों ने साम्प्रदायिकता के खिलाफ आवाज उठाई और बीजेपी के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर सीधा हमला बोला. लेकिन उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस के बारे में कुछ भी नहीं कहा जबकि कुछ दल ऐसे भी थे जो घोर कांग्रेस विरोधी हैं. दिलचस्प बात यह है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भी इसमें भाग लिया.

दरअसल साम्प्रदायिकता का विरोध करने के बहाने वाम दलों ने तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद की है. बुधवार को जिन पार्टियों ने इस बैठक में भाग लिया उनकी लोक सभा में 101 सीटें हैं. इस बैठक में किसी भी दल ने सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना नहीं की.

उन्होंने महंगाई, भ्रष्टाचार जैसै ज्वलंत मुद्दों पर कोई बात नहीं की. सभी दलों के प्रतिनिधियों ने सिर्फ बीजेपी और मोदी की आलोचना की. सबसे ज्यादा उत्तेजित तो नीतीश कुमार थे जिन्होंने मोदी पर जबर्दस्त हमला बोला. उन्होंने सभी पार्टियों को साम्प्रदायिकता, फासीवाद मानसिकता और आतंकवाद से लड़ने का आह्वान किया.

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इस बैठक में भाग लेने वाले दलों की यह भी कोशिश रही कि उन्हें एक गुट के तौर पर न देखा जाए. वे अपनी अलग पहचान बनाए रखने तो उत्सुक दिखे. मतलब है कि वे लोक सभा चुनाव के बाद अपने विकल्प खुले रखना चाहते हैं ताकि बाद में वे किसी भी मोर्चे में शामिल हो सकें. नीतीश कुमार ने भी खुद को तीसरे मोर्चे से अलग रखा. सीताराम येचुरी ने भी तीसरे मोर्चे की तत्काल संभावना से इनकार कर दिया है.

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