काला धन, रोजगार और किसानों के मुद्दे पर बीजेपी की अगुवाई वाली नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए मुलायम, नीतीश, लालू और देवगौड़ा ने हाथ मिलाया है. गुरुवार को मुलायम सिंह के बुलावे पर उनके आवास पर गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी नेताओं की बैठक हुई. बैठक में आईएनएलडी के सांसद दुष्यंत चौटाला ने भी हिस्सा लिया.
बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि यहां उपस्थित दलों के बीच सैद्धांतिक तौर पर साथ काम करने की सहमति बनी है. चुनावों के दौरान बड़ी बातें करने वाली नरेंद्र मोदी सरकार जनता को धोखा दे रही है. पाई-पाई लाने की बात करने वाले लोग अपने वादे से मुकर रहे हैं, जबकि देश के हर नागरिक को 15-15 लाख रुपये देने की बात कही गई थी.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार के मुद्दे पर भी लंबे चौडे़ वादे किए गए, लेकिन सरकार बनने के बाद एक साल के लिए किसी भी प्रकार की नियुक्ति पर रोक लग गई है. रोजगार के वादे का क्या होगा. इसके साथ ही फसलों की कीमत पर बीजेपी ने वादा किया था कि लागत मूल्य से डेढ़ गुना ज्यादा समर्थन मूल्य होगा. लेकिन हर मुद्दे पर सरकार पीछे हट रही है. जनता के साथ धोखा किया जा रहा है.
लंबी अदावत के बाद आरजेडी प्रमुख लालू के साथ इसी साल हाथ मिलाने नीतीश ने कहा कि ये गठजोड़ आगे कामयाबी के समानांतर एक पार्टी का आकार भी ले सकता है. इसलिए इसको जनता पार्टी की पृष्ठभूमि में ही देखा जाए. उन्होंने कहा कि जेडीएस, सपा, जेडीयू, आरजेडी और आईएनएलडी का संसद में कॉमन स्टैंड होगा. साथ ही मुद्दों के आधार पर अभियान चलाएंगे.
ममता बनर्जी को साथ लाने पर चर्चा
नीतीश कुमार ने कहा कि इस प्रयास में कामयाबी मिलने पर अन्य दलों के साथ गठजोड़ का रास्ता बढ़ेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को साथ लाने पर भी चर्चा हुई है.
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव के बुलावे पर सभी दलों के लोग इकट्ठा हुए. सभी लोगों ने एकजुटता पर बल दिया है और सबका यह मानना है कि बदले राजनीतिक माहौल में एकजुटता जरूरी है. हो सकता है कि साथ-साथ काम करने में वक्त लगे.
नीतीश ने कहा कि यह एक शुरुआती बैठक थी, ताकि एकमत सुनिश्चित किया जा सके. इसके अलावा सारे मुद्दों पर कार्यक्रम की रुपरेखा तय करने के लिए आगे बैठक होगी. हालांकि यह तय हो गया है कि मिलजुल काम करेंगे और देश के हालात और परिस्थितियों पर अन्य दलों के साथ संवाद करेंगे.
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव के साथ बैठक में हिस्सा लेने आए नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया कि बैठक में कांग्रेस को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. लेफ्ट और अन्य दलों के साथ गठजोड़ के विकल्प खुले हुए हैं, जबकि इसमें थर्ड फ्रंट जैसी कोई बात नहीं है.