scorecardresearch
 

आज एक सेकेंड के लिए रुक जाएगा समय

मंगलवार 30 जून का दिन आधिकारिक रूप से एक सेकेंड लंबा रहने वाला है, क्योंकि मंगलवार को हमारा समय एक सेकेंड के लिए रुक जाएगा. यानी आम तौर पर जहां एक मिनट में 60 सेकेंड होते हैं, वहीं 30 जून को दिन का आखि‍री मिनट 61 सेकेंड का होगा. अमेरिकी अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी नासा ने इसकी पुष्टि की है.

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

मंगलवार 30 जून का दिन आधिकारिक रूप से एक सेकेंड लंबा रहने वाला है, क्योंकि मंगलवार को हमारा समय एक सेकेंड के लिए रुक जाएगा. यानी आम तौर पर जहां एक मिनट में 60 सेकेंड होते हैं, वहीं 30 जून को दिन का आखि‍री मिनट 61 सेकेंड का होगा. अमेरिकी अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी नासा ने इसकी पुष्टि की है.

Advertisement

दरअसल, एक दिन में 86,400 सेकंड होते हैं, लेकिन 30 जून को इस समय में एक अतिरिक्त सेकंड यानी लीप सेकंड जुड़ जाएगा. नासा के मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में गोडार्ड स्पेस फ्लाइट केंद्र के डेनियल मैकमिलन के मुताबिक, 'पृथ्वी का परिक्रमण धीरे-धीरे धीमा हो रहा है इसलिए इसमें अतिरिक्त लीप सेकंड जुड़ गया है.' ऐसा कोऑर्डिनेटेड युनिवर्सल टाइम यानी यूटीसी के मुताबिक है, जिसका इस्तेमाल लोग दैनिक जीवन में करते हैं.

यूटीसी एटॉमिक टाइम है, जहां एक सेंकड की अवधि सीसियम के एटम्स में होने वाले पूर्वानुमानित इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक ट्रांजिशन के आधार पर होती है. ये ट्रांजिशन इतने अधिक विश्वसनीय होते हैं कि सीसियम क्लॉक 1,400,000 वर्षों तक सही हो सकती है. नासा ने बयान जारी कर कहा, 'पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी का घूर्णन धीमा हो रहा है.'

Advertisement

क्यों जोड़ा जा रहा है लीप सेकेंड
एटॉमिक और सोलर टाइम में सामंजस्य के लिए 1 जनवरी 1960 को यूटीसी की व्यवस्था लाई गई. 1972 से ही जरूरत पड़ने पर यूटीसी में बदलाव कर लीप सेकेंड जोड़ा जा रहा है. इसके लिए जून या दिसंबर में आखिरी मिनट में एक अतिरिक्त सेकेंड जोड़ा जाता है. अतिरिक्त सेकेंड जोड़ने का काम इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन एंड रेफरेंस सिस्टम सर्विस के द्वारा किया जाता है. ऐसे में इन दो माप मूल्यों के तुल्यकालन के लिए 30 जून के आखिरी मिनट में समय एक सेकेंड के लिए रुक जाएगा. ऐसा होते ही आखि‍री मिनट 61 सेकेंड का हो जाएगा.

क्या लीप ईयर की तरह है लीप सेकेंड
लीप ईयर के नियम के तहत हर चार साल पर कैलेंडर में एक अतिरिक्त दिन जोड़ा जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि पृथ्वी को सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में 5 घंटा, 48 मिनट और 46 सेकेंड का अतिरिक्त समय लगता है. हालांकि, इससे उलट लीप सेकेंड की ऐसी कोई गणना नहीं की जा सकती कि वह एक नियत अवधि‍ के बाद कब जोड़ा जाएगा. यह पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूर्णन, पृथ्वी के केंद्र की गतिशीलता, वातावरण, महासागरों, भूजल में भिन्नता और बर्फ के भंडारण समेत कई बातों पर निर्भर करता है.

Advertisement
Advertisement