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दागी नेताओं को सरकारी तोहफा, सजा के बावजूद बनी रहेगी सदस्यता- अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी

दागी नेताओं को बचाने के लिए मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी है. अब सजायाफ्ता एमपी, एमएलए चुनाव लड़ पाएंगे. दागी नेताओं की सदस्‍यता भी नहीं जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले सजायाफ्ता नेताओं के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई थी.

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दागी नेताओं को बचाने के लिए मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी है. अब सजायाफ्ता एमपी, एमएलए चुनाव लड़ पाएंगे. दागी नेताओं की सदस्‍यता भी नहीं जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले सजायाफ्ता नेताओं के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई थी.

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केंद्रीय कैबिनेट के अध्‍यादेश के मुताबिक दागी नेता बिना किसी रोक-टोक चुनाव लड़ पाएंगे. उल्‍लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने दो साल या ज्यादा की सजा होते ही सांसद या विधायक की सदस्यता छीने जाने का आदेश बरकरार रखा था. अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इनके पक्ष में आएगा तो इनकी सदस्यता स्वत: वापस हो जाएगी.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने उस फैसले सरकार की एक और पुनर्विचार याचिका को मानी थी, जिसमें जेल में रहते हुए किसी नेता के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था. इस याचिका पर अब 23 अक्टूबर को अगली सुनवाई होनी है. कोर्ट ने इस सिलसिले में केंद्रीय चुनाव आयोग, बिहार सरकार, और जन चौकीदार संस्था को नोटिस जारी किया था.

देश में चुने हुये दागी नुमाइन्दे....
- लोकसभा 543 में 162 सासंद दागी
(76 सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले)

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- राज्यसभा के 232 में 40 सांसद दागी (16 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले)
- देश के कुल 4032 विधायको में से 1258 दागी (188 विधायको के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले).

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