1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाने वाले
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा को एक धमकी भरा खत मिला है. इस खत में
लाल पेन से लिखा हुआ
है, 'हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे.'
पुलिस ने याकूब को सजा सुनाने वाले तीनों जजों की सिक्योरिटी बढ़ा दी है. जस्टिस मिश्रा के बंगले के बाहर भी पुलिस ने सुरक्षा का घेरा और मजबूत कर दिया है. पुलिस सभी आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रख रही है.
जस्टिस मिश्रा उन जजों में शामिल थे, जिन्होंने याकूब की मौत की सजा पर आखिरी मुहर लगाई थी. उन्हें खाकी लिफाफे में धमकी भरे दो कागज मिले. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इस चिट्ठी में किसी संगठन का नाम नहीं लिखा है.
याकूब मेमन को 30 जुलाई को नागपुर की सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी और उसी दिन उसका शव मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में दफना दिया गया था.