तमिलनाडु में चेन्नई और तीन जिलों में कई दिनों की भयानक बारिश और बाढ़ के बाद अब महामारी का खतरा बढ़ गया है. हालांकि अब जल स्तर घट रहा है लेकिन महामारी फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को लोगों को महामारी के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने का सुझाव दिया है. आपदा प्रंबधन टीम में शामिल चिकित्सक लोगों को उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक और मेडिसिन विभाग के प्रमुख डी.के. शर्मा के मुताबिक 'अब स्थिति गंभीर होगी और यहां हैजा, दस्त फैलने और संक्रमण के विभिन्न प्रकारों के रोगों के फैलने की संभावना है.' शर्मा के मुताबिक इस समय सुरक्षित और स्वच्छ पानी का सेवन किसी भी बीमारी से बचने के लिए जरूरी है.' शर्मा ने कहा कि बाढ़ के दौरान जमे ज्यादातर पानी में बैक्टीरिया पैदा हो जाता है, जिसके कारण कई तरह के त्वचा संक्रमण जैसी बीमारी हो जाती है.
पानी उबाल कर पीने की सलाह
शर्मा ने पानी को उबाल कर पीने की सलाह दी है और कहा कि लोग शरीर में आवश्यक खनिज आपूर्ति के लिए नारियल पानी या पैक पानी का उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर लोग भूजल पर निर्भर होते हैं. वे जीवाणु संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए पानी में क्लोरीन मिला सकते हैं.'
स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयार की दवाईयों की सूची
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाइयों के साथ ही चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की एक सूची भी तैयार की है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सी.के. मिश्रा ने कहा, 'तमिलनाडु में एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली है. उन्हें केंद्र सरकार से ज्यादा समर्थन की जरूरत नहीं है. हालांकि हमने आपात स्थिति के लिए चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नामों की एक सूची तैयार की है.'
बारिश थमी, बचाव बढ़ा
बारिश थमने के चंद घंटों बाद ही ठहरी हुई जिंदगी को कुछ रफ्तार मिली. यातायात व्यवस्था में सुधार के संकेत हैं. अराकोणम में राजाली एयर स्टेशन से कुछ कमर्शियल उड़ानें शुरू हुई हैं. अराकोणम से चेन्नई तक सबर्बन ट्रेन भी कुछ देरी के अंतराल से चलने लगी है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि तांबरम से चेन्नई रूट पर भी ट्रेनें चलेंगी. मोबाइल फोन सेवाएं भी काफी हद तक बहाल की जा चुकी हैं.
NDRF ने बचाए 9000 लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि चेन्नई के कई इलाके अब भी जलमग्न हैं और ऐसी स्थिति में खाने-पीने की चीजें पहुंचने में परेशानी हो रही है. इस बीच, एनडीआरएफ ने बचाव अभियान और तेज कर दिया है. एनडीआरएफ ने अब तक 9000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. 1.64 लाख से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. लेकिन मूडीचूर और तांबरम जैसे अत्यधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग राहत सामग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं.