scorecardresearch
 

आधार लिंकिंग प्राइवेसी पर खतरा? SC की 9 जजों की बेंच करेगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंकिंग को निजता के लिए खतरा बताने वाली याचिका पर सुनवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक पीठ को सौंप दिया है. ये पीठ इस बात की सुनवाई करेगी कि संविधान के तहत निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है अथवा नहीं. इसके निर्णय के लिए उच्चतम न्यायालय नौ न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ का गठन करेगी.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंकिंग को निजता के लिए खतरा बताने वाली याचिका पर सुनवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की पीठ को सौंप दिया है. ये पीठ इस बात की सुनवाई करेगी कि संविधान के तहत निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है अथवा नहीं. इसके निर्णय के लिए उच्चतम न्यायालय नौ न्यायाधीशों वाली पीठ का गठन करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने आधार लिंकिंग को निजता के लिए खतरा बताने वाली याचिका पर सुनवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की पीठ को सौंप दिया है. ये पीठ इस बात की सुनवाई करेगी कि संविधान के तहत निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है अथवा नहीं. इसके निर्णय के लिए उच्चतम न्यायालय नौ न्यायाधीशों वाली पीठ का गठन करेगी.

केंद्र ने कोर्ट में क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है. ये संविधान के तहत एक कानूनी अधिकार है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस मामले पर कहा कि खड़ग सिंह के मामले में अदालत जीवन के अधिकार के बजाय संविधान की धारा-19 के तहत सुनवाई कर रही है.

Advertisement

9 सदस्यीय बेंच पहले के उन दो फैसलों की सटीकता निर्धारित करेगी जिनमें कहा गया था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है. ये फैसले खड़ग सिंह और एमपी शर्मा मामले में आए थे. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस बारे में कानूनन स्पष्ट होना चाहिए कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में परिभाषित किया जाए या नहीं. इस मामले में

जिन दो बेंचों ने फैसला दिया उसकी बजाय 9 जजों की बेंच को फैसला सौंपा जाए. इससे पहले एमपी शर्मा vs सतीश चंद्रा के केस 1954 में 8 जजों की बेंच और 1962 में आए खरग सिंह vs यूपी सरकार के मामले में 6 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था.

 

 

Advertisement
Advertisement