देश में हर 10 में से 3 मुस्लिम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं और उनकी मासिक आय 550 रुपये से कम है.
नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड इकोनामिक रिसर्च (एनसीएईआर) और अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘‘सबसे नाजुक स्थिति आदिवासियों की है जिसमें करीब 50 प्रतिशत आदिवासी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं.’’
रपट में कहा गया है, ‘‘ 32 प्रतिशत दलित और 31 प्रतिशत मुस्लिम गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं.’’ सर्वेक्षण के मुताबिक, देश की एक चौथाई से अधिक आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है और ग्रामीण इलाकों में इस आबादी की मासिक आय 356 रुपये से कम है, जबकि शहरी इलाकों में इनकी मासिक आय 538 रुपये है.