दुनियाभर में अपने स्टाइल स्टेटमेंट को लेकर मशहूर हो चुके पीएम मोदी इस साल स्वतंत्रता दिवस पर क्या पहनने वाले हैं? लालकिले के प्राचीर से उनके दूसरे भाषण के साथ साथ कयास उनके परिधान के बारे में भी लगाए जा रहे हैं. पिछली बार जिस तरह कुर्ता-पजामा और लाल साफे में पीएम मोदी ने पहली बार देश को संबोधित किया तो चर्चे भाषण के साथ-साथ उनके लुक के भी हुए. फिर सालभर के अंदर अलग अलग मौकों पर और तमाम देश-विदेश दौरों पर उन्होंने जो परिधान पहने उसने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया का भी ध्यान आकर्षित किया.
लखटकिया सूट से लेकर रंग-बिरंगे हैट तक और कुर्ता-पजामा से लेकर टीशर्ट-पैंट तक. चाहें पूर्वोत्तर का दौरा हो या फिर मंगोलिया, म्यांमार या चीन का. एयरपोर्ट पर ओबामा दंपति का स्वागत करना हो या गणतंत्र दिवस का मौका हो नरेंद्र मोदी का हर परिधान उनकी राजनीतिक एजेंडे के बारे में काफी कुछ बयां करता है.
ऐसे में इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने परिधान में ये तीन चीजें पीएम मोदी को जरूर जोड़नी चाहिए-
1. हरा रंग
वैसे तो रंगों का धर्म नहीं होता. लेकिन बांटने वालों ने लाल को हिन्दू और हरा को मुस्लिम समुदाय का सूचक करार दे दिया है. अक्सर भगवा, लाल, पीले रंग में नजर आने वाले पीएम मोदी कभी हरे रंग के परिधान में नहीं देखे
गए. सफेद कुर्ता-पजामा पर नारंगी जैकेट में नजर आने वाले नरेंद्र मोदी अगर हरे रंग को भी अपने परिधान में तरजीह दें, तो देशभर में मजबूत संदेश जाएगा. कुछ नहीं तो जिस तरह ऐसे मौकों पर देश का आम इंसान
भगवा-सफेद-हरे रंग का कॉम्बिनेशन पहनता है, अगर पीएम मोदी भी इसी बहाने से हरे रंग को साथ जोड़ लें तो अच्छा लगेगा.
2. तिलक-टोपी
लाल किले के प्राचीर पर नरेंद्र मोदी चाहें जो भी परिधान पहनें, अगर उसके साथ तिलक और स्कल कैप को टीम अप कर लें, तो एक झटके में विरोधियों का पासा कमजोर पड़ जाएगा. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के
सीएम थे तब अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्कल कैप पहनने से इंकार कर दिया था. आमतौर पर ऐसी टोपी मुस्लिम समुदाय के लोग पहनते हैं. इस एक इनकार ने विरोधियों को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया और रह
रहकर इसी बहाने वो नरेंद्र मोदी को मुस्लिम विरोधी करार देते रहते हैं. वैसे भी जो नेता खुद को सेक्युलर कहते हैं उन्होंने ने भी इस कॉम्बिनेशन को अब तक ट्राई नहीं किया. तो अगर इस अहम मौके पर पीएम मोदी इसमें नजर
आए तो हर बार की तरह वो अपने आलोचकों से फिर दो कदम आगे निकल जाएंगे.
3. धोती-कुर्ता
लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में पहली रैली की तो नरेंद्र मोदी ने वोटरों को लुभाने के लिए भाषण की शुरुआत भोजपुरी से की. अब बारी बिहार चुनाव की है. यहां बीजेपी को कांटे की टक्कर मिलनी तय है. इसलिए बिहारियों पर डोरे
डालने के लिए स्पेशल पैकेज के साथ साथ लाल किले पर धोती-कुर्ते में दर्शन दे दें, तो समझो मिशन बिहार की राह आसान. फिर इसके बाद केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के भी चुनाव होने हैं. इन राज्यों में भी पजामा की
जगह धोती-लुंगी का ही चलन है.
वैसे तो नरेंद्र मोदी शनिवार को क्या पहनेंगे ये अबतक तय भी हो चुका होगा. लेकिन लास्ट मिनट चेंजेज भी तो हो सकते हैं ना!