एक खिलाड़ी की सबसे बड़ी दौलत उसके मेडल होते हैं लेकिन जब ये मेडल ही गुम कर दिए जाएं तो आप खुद सोच सकते हैं कि उस खिलाड़ी के दिल पर क्या बीतेगी. खास कर उस खिलाड़ी जिसे भारतीय हॉकी में लिविंग लिजेंड का दर्जा हासिल है.
तीन बार के ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, वर्ल्ड के 16 आइकानिक प्लेयर में शुमार पदमश्री बलबीर सिंह सीनियर इन दिनों अपने खोए हुए मेडल को हासिल करने की जंग लड़ रहे हैं.
गुम हो गए हैं मेडल
दरअसल 1985 में उन्होंने अपने 36 नेशनल और इंटरनेशनल मेडल के अलावा 1956 ओलंपिक का कप्तानी का ब्लेजर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) को म्यूजियम में रखने के लिए दिया था. इन मेडल्स में एशियन गेम्स का मेडल भी शामिल था लेकिन 2012 में जब बलबीर सिंह को लंदन में दुनिया के 16 आइकोनिक प्लेयर्स के सम्मान समारोह में सम्मानित करने के लिए अपने मेडल्स के साथ आने का बुलावा आया तो उन्हें पता चला कि उनके मेडल और ब्लेजर गुम हो गए हैं.
ब्लेजर है लेकिन कहां है, पता नहीं
दिल्ली में साई से पता किया तो उन्होंने कहा कि सारा सामान पटियाला भेज दिया गया लेकिन वहां से जवाब आया कि दिल्ली से ऐसा कोई सामान नहीं आया. ये जानकारी जब आरटीआई से मांगी गई तो साई की तरफ से जवाब में ब्लेजर होने की बात मानी गई लेकिन वो भी कहां है, किसी को पता नहीं है.
बलबीर ने लगाया साजिश का आरोप
पदमश्री बलबीर सिंह से जब बात की गई तो उनका गला भर आया. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि किसी ने मेरे शरीर के टुकड़े करके अलग-अलग फेंक दिए हैं. उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि ये कोई साजिश है. मेरा नाम इतिहास के पन्नों से मिटाया जा रहा है. मेरे 36 मेडल्स, मेरी दुर्लभ फोटो, मेरा ओलिंपिक की कप्तानी वाला ब्लेजर, सब ले लिए. वो अब कहां हैं, इसका जवाब किसी के पास नही है.
हर संभव कोशिश कर चुके हैं बलबीर
ऐसा नहीं है कि बलबीर सिंह और उनके परिवार के लोगों ने इस सामान को हासिल करने की कोई कोशिश नहीं की बल्कि उन्होंने हरसंभव कोशिश की है. उन्होंने कांग्रेस नेता अजय माकन से लेकर केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर इस मामले की जांच की मांग की है. कई बार उन्होंने साई के डीजी से बात की और डीजी ने उन्हें ईमेल में सभी डिटेल भेजने को कहा है. बलबीर सिंह को शक है कि उनके मेडल और ब्लेजर किसी ने जानबूझ कर गुम कर दिए हैं. बलबीर सिंह की बेटी सुशबीर ने कहा, 'हमें बहुत दुख है. ये हमारे देश में ही हमारे साथ हो रहा है.'