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धड़कते दिल, फेफड़े के लिए रुका कोच्चि का यातायात

एंबुलेंस के साइरन की तेज और लगातार होने वाली आवाज के साथ ही कोच्चि का यातायात 20 मिनट तक ठहर गया. एंबुलेंस को रास्ता दिया गया, जिसमें धड़कता दिल और फेफड़ा रखा हुआ था. यह दिल और फेफड़ा दिमागी रूप से मृत एक व्यक्ति का था और किसी की जिंदगी बचाने के काम आ गया.

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एंबुलेंस के साइरन की तेज और लगातार होने वाली आवाज के साथ ही कोच्चि का यातायात 20 मिनट तक ठहर गया. एंबुलेंस को रास्ता दिया गया, जिसमें धड़कता दिल और फेफड़ा रखा हुआ था. यह दिल और फेफड़ा दिमागी रूप से मृत एक व्यक्ति का था और किसी की जिंदगी बचाने के काम आ गया.

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डॉक्टरो ने चार घंटे की सर्जरी के बाद एक व्यक्ति को दिमागी रूप से मृत घोषित कर दिया था. चेन्नई से आई डॉक्टरों की एक टीम ने इस आदमी के ह्रदय और फेफड़े को संरक्षित किया. इसे चेन्नई में एक मरीज की जिंदगी बचाने में इस्तेमाल करना था.

एंबुलेंस में डॉक्टर शरीर के इन दोनों अंगों के साथ सवार हुए और आनन-फानन में एंबुलेंस हवा से बातें करने लगी. एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए यातायात को रोक दिया गया. लेकशोर नामक अस्पताल से हवाई अड्डे तक पहुंचने में आमतौर से एक घंटा लगता है लेकिन यह एंबुलेंस 20 मिनट में ही हवाईअड्डे पहुंच गई.

कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के निदेशक एसीके नायर ने बताया, 'हमने मेडिकल टीम के लिए सभी जरूरी औपचारिकताएं पहले ही पूरी कर ली थी. टीम दान किए गए इन अंगों के साथ चार्टर्ड विमान से चेन्नई के लिए रवाना हो गई.' एक घंटे के अंदर चिकित्सक दोनों अंगो को लेकर विमान से चेन्नई पहुंच गए.

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-इनपुट IANS

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