दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदल गया है. सुबह करीब 7 बजे से हल्की-हल्की बारिश शुरू हुई है. भारी गर्मी में दिल्ली वासियों के लिए यह राहत की खबर है. कई दिनों से दिल्ली एनसीआर में जबरदस्त गर्मी पड़ रही थी. मौसम विभाग का यह भी कहना है कि अगले 48 घंटे उत्तर भारत में तापमान कम रहेगा. मौसम विभाग का कहना है कि अचानक आए मौसम में परिवर्तन की वजह पश्चिमी तटों पर हुआ विक्षोभ भी हो सकता है.
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक दिल्ली में अगले दो-तीन घंटों में बादलों की गड़गड़ाहट के साथ हवाएं चल सकती हैं. दिल्ली से सटे हुए इलाकों में मौसम राहत दे सकता है. दिल्ली से सटे हुए हरियाणा के हिसार, जींद, रोहतक, कैथल, गोहना, पानीपत, करनाल, सोनीपत और गुरुग्राम में भी मौसम बिगड़ने की संभावना है.
दिल्ली से सटे फरीदाबाद, पलवल, गाजियाबाद, नोएडा में भी अगले दो घंटों में मौसम का मिजाज बदल सकता है. जहां उत्तर भारत में बारिश होने की संभावना है वहीं छत्तीसगढ़, तेलंगाना, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में गर्म हवाएं अगले 4 से 5 दिन तक बनी रह सकती हैं. दिल्ली में बारिश होने से पहले अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस था. बुधवार को न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
मौसम विभाग की डीडीजीएम बीपी यादव के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत के मौसम में आई यह तब्दीली एक ताकतवर वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से है. यहां पर एक के बाद दूसरा वेस्टर्न डिस्टरबेंस आ चुका है जिसके चलते अरब सागर से आ रही नाम हवाएं बादल बना रही हैं. खास बात यह है इन बादलों की मोटाई काफी है और इसमें आसमानी बिजली उमड़ घुमड़ रही है. पंजाब राजस्थान से शुरू हुई यह मौसमी गतिविधि हरियाणा दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना असर दिखा रही है.
मौसम विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक उत्तर भारत में मौसम का बदला हुआ मिजाज दो चीजों की वजह से है. पहला फैक्टर है वेस्टर्न डिस्टरबेंस और दूसरा फेक्टर है अरब सागर से आ रही नमी भरी हवाएं. इस समय पाकिस्तान से वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर पश्चिम भारत में दाखिल हो चुका है, जिसकी वजह से राजस्थान और हरियाणा के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन चुका है.
इसके चलते बादल उमड़ने को मरने लगे हैं. डॉ महापात्रा का कहना है कि दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में इसी तरह से रुक रुक कर आंधी पानी का सिलसिला 17 मई तक जारी रहेगा. इसकी वजह से पहाड़ों पर भी मौसम में बदलाव देखा जाएगा.
डॉ मृत्युंजय महापात्रा का यह भी कहना है इस समय अभी मानसून का वक्त नहीं हुआ है. अंडमान निकोबार की बात करें तो यहां पर मानसून की दस्तक देने का सामान्य समय 20 मई है और यह उम्मीद है कि 20 मई के आसपास अंडमान निकोबार में मानसून दस्तक दे दे देगा.
पश्चिमी विक्षोभ का असर
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर पश्चिम भारत में एक के बाद एक 3 वेस्टर्न डिस्टरबेंस अपना असर दिखा रहे हैं. इसकी वजह से मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में मौसम पूरी तरीके से बदल गया है. वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से पश्चिमी राजस्थान से लेकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में बादलों की आवाजाही बढ़ जाएगी. कई जगहों पर हल्की बारिश शुरू होगी और इसी के साथ तेज हवाओं के थपेड़ों से लोगों को दो-चार होना पड़ेगा.
17 मई तक तेज हवाओं के साथ आंधी और बारिश
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां कई जगहों पर ओलावृष्टि हो सकती है. यह स्थिति यहां पर 17 मई तक रहने की आशंका है. इसी तरह जम्मू कश्मीर के बड़े इलाके में तेज हवाओं के साथ आंधी और बारिश होने की आशंका जताई गई है. आने वाले दो-तीन दिनों में भी पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में ज्यादातर जगहों पर धूल भरी आंधियों के साथ-साथ बारिश होने की संभावना भी मौसम विभाग ने जताई है.