भाजपा और विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदू संगठनों के करीब 600 कार्यकर्ताओं को गुरुवार को प्रतिबंध का उल्लंघन करने और 14 फरवरी 1998 के श्रंखलाबद्ध बम विस्फोटों में मारे गये लोगों को श्रद्धाजंलि देने का प्रयास करते समय गिरफ्तार कर लिया गया. इन विस्फोटो में 58 लोग मारे गये थे और करीब 200 लोग घायल हो गये थे.
अनुमति नहीं दिये जाने के बावजूद भाजपा, विहिप और हिंदू मुन्नानी के करीब एक हजार कार्यकर्ता मृतको को श्रद्धाजंलि देने के लिये आर एस पुरम में इकट्ठा हो गये. इसी इलाके में
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 14 फरवरी 1998 को चुनावी भाषण दिया था. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुये तमिलनाडु में भाजपा के उपाध्यक्ष एच राजा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने एक खुफिया रिपोर्ट को ‘ध्यान नहीं दिया’ जिसकी वजह से बम विस्फोट हुआ, जिसका लक्ष्य आडवाणी थे. आडवाणी यहां पर उस दिन चुनाव प्रचार के लिये आये थे.
राजा ने तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया कि वह राज्य में 14 फरवरी के दिन को ‘आतंकवाद निरोधक दिवस’ घोषित करे.