पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि हुर्रियत नेताओं से पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की मुलाकात की टाइमिंग पूरी तरह सही नहीं थी. याद रहे कि हुर्रियत नेताओं के साथ बासित की भेंट की वजह से भारत ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी जो 25 अगस्त को इस्लामाबाद में होनी थी.
सरताज अजीज ने यूएन में मोदी के भाषण की तारीफ की. उन्होंने कहा, 'मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में जो सकारात्मक बात लगी, जब उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान समेत अपने पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारना चाहते हैं.'
'हुर्रियत भी स्टेकहोल्डर है'
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामले के सलाहकार सरताज अजीज ने हेडलाइंस टुडे से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, 'हम हुर्रियत से बात करने का हक नहीं छोड़ेंगे. हालांकि हाई-कमिश्नर के साथ मीटिंग की जो टाइमिंग थी, उसे हम गैर-जरूरी कह सकते हैं. टाइमिंग की बात सही है, लेकिन बुनियादी बात ये है कि जब भी कश्मीर की बात होगी तो हमें उनसे (हुर्रियत से) ही करनी होगी. हम कश्मीर मसले को नहीं छोड़ सकते, क्योंकि इस मामले में वो (हुर्रियत) भी एक स्टेक होल्डर है.'
'बातचीत बहाल करने का जिम्मा भारत'
सरताज अजीज ने कहा कि पाकिस्तान राजनयिकों और हुर्रियत नेताओं के बीच भेंट पिछले 30 साल से होती रही है और उसमें नया कुछ नहीं था. उन्होंने कहा, चूंकि भारत ने बातचीत को सस्पेंड किया है, इसलिए उसे बहाल करने का जिम्मा भी भारत का है. उन्होंने कहा, 'हमें ये उम्मीद थी कि दोनों नेता मिलेंगे. दोनो देशों के नेताओं के मिलने से संवाद को गति मिलती है. यह भारत पर निर्भर करता है. अगर भारत पहल करता है तो हमें उसका इंतजार है.'
उन्होंने कहा, 'इस मामले में शायद समय पूरी तरह सही नहीं था क्योंकि कश्मीर पर उल्लेखनीय वार्ता अभी शुरू होनी थी. उन्होंने कहा कि विदेश सचिव स्तर की भेंटवार्ता में द्विपक्षीय वार्ता के एजेंडे की घोषणा होनी थी.'
नहीं रद्द होनी चाहिए थी बातचीत
हालांकि सरताज अजीज ने विदेश सचिव स्तर की बातचीत रद्द करने के भारत के फैसले को भी अनुचित बताया. उन्होंने कहा, 'मीटिंग रद्द करना अच्छा फैसला नहीं था. ये इतना बड़ा मसला नहीं था कि दोनों देशों के सचिवों की बात को रद्द कर दिया जाए.'
उन्होंने कहा कि जो बैठक रद्द हुई थी, उसे फिर से शुरू किया जाए, जिससे दोनों देशों के रिश्ते बेहतर हों. दुनिया के सभी देशों के लिए अच्छी बात है कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अच्छे हों.
कश्मीरी अवाम को मान्य हो समाधान
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के बयान का बचाव करते हुए सरताज ने कहा कि कश्मीर का समाधान वहां के लोगों को भी मान्य होना चाहिए, इसलिए पीएम नवाज ने वहां के लोगों की राय मालूम करने की बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि हमने किसी तीसरे को इस बातचीत में शामिल नहीं किया.
उन्होंने कहा कि हम रिश्ते बेहतर करने के लिए गंभीर संवाद करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'सब चाहते हैं कि ताल्लुकात बेहतर हों. लेकिन आर्मी का अपना काम है. उनका काम है मुल्क की रक्षा करना. पाकिस्तानी आर्मी को लेकर जो आम परसेप्शन है वो ठीक नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'हमने आर्मी को यह भरोसा दिलाया है कि रत की जो डिफेंस की तैयारी है, हमारी आर्मी को भी उसी तरह से तैयारी करनी है.'
कमजोर पड़ेगा इमरान का आंदोलन
सरताज अजीज पाकिस्तान में कादरी और इमरान खान की अगुवाई में हुए विरोध प्रदर्शनों पर भी बोले. उन्होंने कहा कि दीर्घकाल में नवाज शरीफ और पाकिस्तान में लोकतंत्र दोनों ही मजबूत होंगे. पूरी पार्लियामेंट ने नवाज शरीफ का एकजुट होकर साथ दिया. यहां तक कि विपक्षी पार्टियों ने भी साफ किया है कि किसी भी वजह से वह डेमोक्रेसी को कमजोर नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा, 'नवाज शरीफ साहब ने हमारे बुनियादी मुद्दों का समाधान निकालने की हर संभव कोशिश की है. ये जो कुछ हजार लोगों का विरोध प्रदर्शन था, वह धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगेगा.