कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी टीपू जयंती समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. कुमारस्वामी ने अपनी तबीयत का हवाला दिया है और कहा है कि डॉक्टर ने उन्हें 11 नवंबर तक आराम करने की सलाह दी है. लिहाजा वो जयंती में शामिल नहीं हो पाएंगे.
कुमारस्वामी के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता आर अशोक ने निशाना साधा. अशोक ने कहा कि कुमारस्वामी टीपू जयंती में शामिल नहीं होंगे क्योंकि वे इसमें जाना नहीं चाहते. अशोक ने कहा, 'सब लोग जानते हैं कि जो टीपू जयंती में गए उनका क्या हश्र हुआ. विजय माल्या को देश छोड़कर भागना पड़ा. संजय खान का चेहरा झुलस गया और सिद्धारमैया को मैसूर से चुनाव हारना पड़ा.'
गौरतलब है कि टीपू जयंती को लेकर कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं. दोनों पार्टियां एक दूसरे पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं. बीजेपी जहां टीपू सुल्तान को 'आतताई' बता रही है, तो कांग्रेस उसे मसीहा के तौर पर पेश कर रही है. इस मामले में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने के बाद सवाल यह खड़ा हुआ है कि जयंती का आयोजन होगा या नहीं.
उधर बवाल की आशंका को देखते हुए दक्षिण कन्नड़ जिले में 9 नवंबर से लेकर 11 नवंबर की आधी रात तक धारा 144 लगा दी गई है. निषेधाज्ञा की इस धारा के तहत किसी स्थान पर 5 से ज्यादा लोग एक साथ नहीं जुट सकते.
कर्नाटक मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री को तीन दिन आराम करने की सलाह दी गई है. इसलिए 11 नवंबर तक वे किसी कार्यक्रम में शरीक नहीं होंगे. तीन दिन का वक्त वे अपने परिवार के साथ गुजारेंगे. इस दौरान उनका कोई आधिकारिक कार्यक्रम तय नहीं है.
Karnataka CM HD Kumaraswamy will not participate in Tipu Jayanti program as doctors have advised him to take rest for three days, till November 11. (File pic) pic.twitter.com/PjLiB7ODXT
— ANI (@ANI) November 9, 2018
कर्नाटक की सरकार 2016 से ही टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. हर साल यह जयंती 10 नवंबर को मनाई जाती है. इस बार जयंती पर कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है. हर साल की तरह इस साल भी टीपू जयंती पर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ है, और विरोध प्रदर्शन कर रही है.
कर्नाटक की सरकार 2016 से ही टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है. हर साल यह जयंती 10 नवंबर को मनाई जाती है. इस बार जयंती पर कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है. हर साल की तरह इस साल भी टीपू जयंती पर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ है, और विरोध प्रदर्शन कर रही है.
गौरतलब है कि जयंती मनाने के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी डाली गई है जिस पर कोर्ट ने याची को 9 नवंबर तक अपनी शिकायतें दर्ज करने का निर्देश दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर मीडिया से कहा कि पिछले 3 साल से यह आयोजन होता रहा है और इस साल भी होगा. सिद्धारमैया के मुताबिक मौजूदा मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इसकी इजाजत भी दे दी है.